सुप्रीम कोर्ट के वकीलों को सोमवार सुबह को एक अनजान नंबर से फोन कर आर्टिकल 370 को लेकर धमकी दी गई है और कहा गया है कि इस साल 26 जनवरी पर दिल्ली में कश्मीर का झंडा फहराया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के वकीलों को किए गए ये कॉल प्री-रिकॉर्डेड थे।
सुप्रीम कोर्ट के कई वकीलों को यह फोन आया। अनजान नंबर से आए इस कॉल में कहा गया कि संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के लिए जितनी मोदी सरकार जिम्मेदार है उतनी ही सुप्रीम कोर्ट भी जिम्मेदार है। यह भी दावा किया गया कि यह कॉल मुजाहिदीन की तरफ से है।
बता दें कि 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 निरस्त किए जाने के बाद जम्मू कश्मीर के सभी सरकारी कार्यालयों और संवैधानिक संस्थाओं से कश्मीरी झंडा हटा दिया गया और उसकी जगह तिरंगा झंडा फहराया गया।
यह पहली बार नहीं है जब सुप्रीम कोर्ट के वकीलों को इस तरह के कॉल आए हों। इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट के वकीलों को अनजान से नंबर कॉल आए थे और कहा गया था कि पंजाब के फिरोजपुर में प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा में हुई चूक के लिए उसका संगठन जिम्मेदार है। कॉल करने वाले ने यह दावा किया था कि वह सिख फॉर जस्टिस नाम के चरमपंथी संगठन से हैं। ये कॉल यूके और कनाडा से किए गए थे।
सुप्रीम कोर्ट ने एक वकील ने बताया था कि जब उन नंबरों से कॉल आए तो उसमें यूनाइटेड किंगडम से कॉल दिखाई दे रही थी। उसमें रिकॉर्डेड मैसेज था। कॉल में दावा किया गया था कि चरमपंथी संगठन ने मोदी को रास्ते में रोकने की जिम्मेदारी ली है। इसलिए सुप्रीम कोर्ट के जज इस मामले की सुनवाई न करें। साथ ही यह भी कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट के जजों को 1984 के नरसंहार को याद करना चाहिए जिसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने आज तक कोई कार्रवाई नहीं की।