एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में भारत के सुनील कुमार ने मंगलवार को 87 किग्रा वर्ग के फाइनल में किर्गिस्तान के अजात सालिदिनोव को 5-0 से हराकर स्वर्ण पदक जीत लिया। गौरतलब है कि कुश्ती के ग्रीको रोमन वर्ग में भारत का 27 साल का सूखा खत्म हो गया है। मतलब भारत ने कुश्ती के ग्रीको रोमन वर्ग में 27 साल पहले स्वर्ण पदक जीता था।

सेमीफाइनल में पिछड़ने के बाद जीत दर्ज करने वाले सुनील ने दिल्ली के केडी जाधव इंडोर स्टेडियम में 87 किग्रा वर्ग के फाइनल में अपने विरोधी को आसानी से पछाड़ दिया। इससे पहले सुनील सेमीफाइनल में कजाखस्तान के अजामत कुस्तुबायेव के खिलाफ 1-8 से पिछड़ रहे थे लेकिन इसके बाद जोरदार वापसी करते हुए लगातार 11 अंक के साथ 12-8 से जीत दर्ज करने में सफल रहे।

सुनील 2019 में भी इस प्रतियोगिता के फाइनल में पहुंचे थे लेकिन उन्हें खिताबी मुकाबले में हार के कारण रजत पदक से संतोष करना पड़ा था। एक अन्य भारतीय अर्जुन हलाकुर्की ने भी ग्रीको रोमन वर्ग की 55 किग्रा स्पर्धा में कांस्य पदक जीता। अर्जुन का यह पहला सीनियर अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट है और अपने पहले ही टूर्नामेंट में अर्जुन ने पदक जीतकर अपनी प्रतिभा की झलक दिखाई है।

अर्जुन सेमीफाइनल में ईरान के नासिरपोर के खिलाफ 7-1 से आगे चल रहे थे लेकिन उन्हें 7-8 से हार का सामना करना पड़ा।

बता दें कि एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप की शुरूआत दिल्ली के केडी जाधव कुश्ती स्टेडियम में मंगलवार से ही हुई है। 6 दिनों तक चलने वाली इस प्रतियोगिता में भारतीय पहलवान अपना दबदबा कायम करने का प्रयास करेंगे। भारत के स्टार पहलवान बजरंग पुनिया (65 किलोग्राम वर्ग) और विनेश फोगाट (53 किलोग्राम वर्ग) भी इसमें शिरकत करेंगे। टोक्यो ओलंपिक से पहले एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप भारतीय पहलवानों को अपनी तैयारी परखने का बेहतरीन मौका देगी।

बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट के अलावा 30 सदस्यीय भारतीय दल में दीपक पूनिया, रवि दहिया, साक्षी मलिक, अंशु मलिक और सोनम मलिक आदि खिलाड़ी शामिल हैं। टूर्नामेंट में चीन का 40 सदस्यीय दल भाग नहीं लेगा। दरअसल कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते भारत सरकार ने चीन के दल को वीजा जारी नहीं किया है।

पिछली एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में भारत ने 16 पदक जीते थे। भारत की तरफ से बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, रवि दहिया से पद की उम्मीद की जा रही है।