भाजपा की वरिष्ठ नेता और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने इन दिनों पार्टी नेतृत्व की मुश्किलें बढ़ायी हुई हैं। दरअसल सुमित्रा महाजन अगले माह 76 साल की हो जाएंगी, जो कि भाजपा द्वारा चुनाव लड़ने की तय की गई उम्र सीमा 75 वर्ष से ज्यादा है। ऐसे में माना जा रहा था कि सुमित्रा महाजन शायद इस बार के लोकसभा चुनावों में नहीं उतरेंगी। लेकिन हाल ही में सुमित्रा महाजन ने संकेत दिए हैं कि वह अगला चुनाव भी लड़ सकती हैं। बीते रविवार को सुमित्रा महाजन ने एक न्यूज एजेंसी के साथ बातचीत में इंदौर से उम्मीदवारी के सवाल पर कहा था कि “संगठन सही समय पर सही फैसला लेगा।” इसके साथ ही बीते हफ्ते सुमित्रा महाजन पार्टी की एक बैठक में यह कहकर सभी को चौंका दिया कि ‘इंदौर से या तो वह चुनाव लड़ेंगी, या फिर पीएम नरेंद्र मोदी।’ हालांकि बाद में उन्होंने इसे मजाक बताया, लेकिन उन्होंने अपने बयान को नकारा भी नहीं।

विरोधी हुए मुखरः मध्य प्रदेश की इंदौर लोकसभा सीट भाजपा का गढ़ मानी जाती है और सुमित्रा महाजन इंदौर लोकसभा सीट से 8 बार सांसद रही हैं। पार्टी के सामने मुश्किल ये भी है कि कई वरिष्ठ नेता इस बार इंदौर से सुमित्रा महाजन की उम्मीदवारी का विरोध कर रहे हैं। बीते माह भाजपा के वरिष्ठ नेता सत्यनारायण सत्तन ने ऐलान किया था कि इस बार यदि पार्टी ने इंदौर से सुमित्रा महाजन को टिकट दिया तो वह यहां से निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। इसके अलावा भाजपा के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी सुमित्रा महाजन के विरोधी माने जाते हैं। यही वजह है कि इस बार भाजपा नेतृत्व इंदौर सीट पर उम्मीदवार के नाम की घोषणा को लेकर दबाव में है!

कांग्रेस ने नहीं घोषित किया उम्मीदवारः भाजपा ने मध्य प्रदेश की 29 सीटों में से 18 सीटों पर अपने उम्मीदवार तय कर दिए हैं। इंदौर सीट पर अभी तक उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं की गई है, जिसकी वजह भी समझी जा सकती है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने भी अभी तक इंदौर से अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया है। भाजपा का गढ़ माने जाने वाली इंदौर सीट पर कांग्रेस का जनाधार भी बढ़ता दिखाई दे रहा है। बीते विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने इंदौर लोकसभा की 9 विधानसभा सीटों में से 4 पर जीत दर्ज की थी। कांग्रेस के एक नेता का कहना है कि यदि भाजपा इंदौर से सुमित्रा महाजन को टिकट देती है तो फिर कांग्रेस भाजपा से कांग्रेसी हुए पंकज सांघवी को टिकट दे सकती है। यदि भाजपा इंदौर से संभावित उम्मीदवार मालिनी गौड़ को टिकट देती है तो कांग्रेस अपनी मीडिया इंचार्ज शोभा ओझा को टिकट दे सकती है।

नाम में नहीं जोड़ा ‘चौकीदार’: बहरहाल सुमित्रा महाजन के नाम पर बने इस सस्पेंस को इस बात से बखूबी समझा जा सकता है कि हाल ही में भाजपा ने इंदौर में पीएम नरेंद्र मोदी के ‘मैं भी चौकीदार’ कैंपेन का आयोजन किया था, लेकिन सुमित्रा महाजन इस कार्यक्रम से नदारद रहीं। इसके साथ ही सुमित्रा महाजन उन चुनिंदा नेताओं में भी शुमार हैं, जिन्होंने ट्विटर पर अपने नाम के आगे ‘चौकीदार’ नहीं लगाया है।