75 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन जारी है। ज़ी न्यूज पर अपने टीवी कार्यक्रम ‘DNA’ में सुधीर चौधरी ने कहा कि अगर कनाडा के प्रधानमंत्री चाहें तो आसानी से यह आंदोलन भी खत्म हो सकता है और खालिस्तान की मांग भी पूरी हो सकती है। उन्होंने कहा, ‘आज हम ऐसा आइडिया लेकर आए हैं जिससे यह आंदोलन भी खत्म हो जाएगा और खालिस्तान बनाने का काम भी पूरा हो जाएगा।’ उन्होंने कहा, यह खालिस्तान देश पंजाब को तोड़कर नहीं बनेगा और इसके लिए किसी तरह के आंदोलन की ज़रूरत नहीं होगी। इसके लिए सड़कों को भी जाम नहीं करना होगा। इसके लिए देश के किसानों को भी परेशान नहीं होना पड़ेगा। वे एक ऐसी वजह से परेशान हो रहे हैं जिसका उनसे कोई लेना देना नहीं है।

चौधरी ने कहा, ‘इस देश को बनाने के लिए कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के केवल एक हस्ताक्षर की ज़रूरत है। यानी ट्रूडो अगर तय कर लें तो खालिस्तान नाम का नया देश दुनिया को जल्द मिल सकता है। हम उनसे कहना चाहते हैं कि अगर वे भारत में चल रहे किसान आंदोलन के साथ खड़े हैं और किसानों की चिंता है तो हमें लगता है कि उन्हें खालिस्तान के विचार को अंतिम रूप देने में देर नहीं लगानी चाहिए। क्योंकि खालिस्तान के निर्माण की जिम्मेदारी उनकी है। वह खालिस्तान के खाली स्थान को भर सकते हैं।’

सुधीर चौधरी ने कहा, यह खालिस्तान पंजाब में नहीं बल्कि कनाडा में बनेगा। सुधीर चौधरी ने आबादी के आंकड़े बताते हुए कहा, दोनों देशों की कुल आबादी में सिखों का प्रतिशत देखें तो सिखों में 1.4 प्रतिशत हैं और भारत में 1.7 प्रतिशत नहीं है। उन्होंने कहा, यही वजह है कि कनाडा खालिस्तानी प्रोपेगैंडा का एपिसेंटर बन गया है। अगर कनाडा ब्रिटिश कोलंबिया को खालिस्तान नहीं घोषित करता है तो वह तीन और प्रांतों पर विचार कर सकता है। पहला प्रांत है अंटोरियो, यहां से कुल 121 सांसद चुनकर कनाडा की संसद में पहुंचते हैं। इनमें से 10 सांसद सिख हैं। उन्होंने कहा, जगमीत सिंह जो कि खालिस्तान की वकालत करते हैं वहां के सांसद हैं। भारत की जांच एजेंसियों ने उनके तार खालिस्तानियों से जुड़े होने की बात कही थी।

उन्होंने कहा, अल्बर्टा में सिखों की आबादी 50 हजार से ज्यादा है और यहां से तीन सिख सांसद संसद पहुंचे हैं। इसके अलावा क्यूबेक प्रांत है जहां सिखों की आबादी तो 9 हजार है लेकिन यहां से भी सिख सांसद चुनकर संसद पहुंचते हैं। उन्होंने कहा कि कनाडा में 338 सांसदों में से 18 सांसद सिख हैं और सिखों की हिस्सेदारी 5.33 प्रतिशत है।

‘चौधरी ने कहा, कनाडा के पास जमीन बहुत है और उसपर रहने वाले लोंगों की संख्या बहुत कम है। जितनी दिल्ली की आबादी है उतने लोग कनाडा में रहते है। यूपी में 6 कनाडा रह सकते हैं। इसलिए हम चाहते हैं कि खालिस्तान के विचार को विटामिन की गोलियां खिलाकर स्वस्थ रखने वाला कनाडा अपने ही देश में नया देश बना सकता है। आंकड़े बताते हुए चौधरी ने कहा, ब्रिटिश कोलंबिया का क्षेत्रफल पंजाब 50 गुना ज्यादा है। अकेले इस प्रांत में पंजाब जैसे 49 राज्य समा सकते हैं। यह कनाडा का अकेला ऐसा प्रांत है जहां सबसे ज्यादा सिखों की आबादी है।

उन्होंने कहा, कनाडा के पीएम ब्रिटिश कोलंबिया के एक हिस्से को खालिस्तान घोषित कर देना चाहिए। इससे कनाडा को ज्यादा नुकसान नहीं होगा। अगर ऐसा किया जाता है तब भी कनाडा दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश बना रहेगा और खालिस्तान की मांग भी पूरी हो जाएगी। भारत में दो करोड़ से ज्यादा सिख रहते हैं जबकि कनाडा में यह आबादी 5 लाख के करीब है।