“हर घर तिरंगा” अभियान को लेकर अब नई सियासत शुरू हो गई है। विपक्ष का आरोप है कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने 52 सालों तक अपने मुख्यालय पर तिरंगा क्यों नहीं फहराया। इस सवाल का एक टीवी डिबेट में बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने जवाब दिया है। उन्होंने कांग्रेस के इन आरोपों को निराधार और बेबुनियाद बताया है।
उन्होंने कहा, “2006 से पहले गैर सरकारी संस्थाओं को अपने कार्यालय में झंडा फहराने की अनुमति थी ही नहीं। यह आरोप बिल्कुल ही निराधार हो जाता है कि 52 साल तक तिरंगा क्यों नहीं फहराया गया। वो कांग्रेस के ही सांसद हैं जिनके केस लड़े जाने के बाद सबको अधिकार मिला।”
बीजेपी प्रवक्ता ने श्रीनगर में 10 सालों तक झंडा ना फहराने की अनुमति का हवाला देते हुए कांग्रेस को घेरा और कहा कि आपने तिरंगे के साथ गजब का न्याय किया है। उन्होंने कहा कि आजाद हिंदुस्तान में 1988 से 1998 तक दस साल श्रीनगर के लाल चौक में राज्यपाल झंडा नहीं फहरा सकता था।
उन्होंने कहा कि 1992 में बीजेपी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी वहां गए तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया कि श्रीनगर में झंडा नहीं फहराने देंगे। इसके बाद साल 2012-13 में जब अनुराग ठाकुर युवा मोर्चा के अध्यक्ष थे, तब सुषमा स्वराज, अरुण जेटली , अनंत कुमार को गिरफ्तार कर लिया कि श्रीनगर में झंडा नहीं फहराने देंगे।
उन्होंने कहा, “वो कांग्रेस जिसे 1885 में ब्रिटिश सरकार के सचिव एलेन ऑक्टोवियम ह्यूम द्वारा स्थापित किया गया और 1937 में पहली बार राज्यों में यूनियन जैक के नीचे खड़े होकर ब्रिटिश क्राउन के प्रति निष्ठा व्यक्त करते हुए सत्ता पाई। इसके बाद केंद्र की अंतरिम सत्ता पाई और आजादी को लेकर बार-बार बाधा लगाई, आज आकर कहते हैं कि स्वतंत्रता आंदोलन के प्रतीक वो हैं तो मेरे हिसाब से राहुल गांधी जी ने इतिहास का मुद्दा छेड़कर गलत किया है।”
बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक ट्वीट कर कहा कि इतिहास गवाह है, ‘हर घर तिरंगा’ मुहीम चलाने वाले, उस देशद्रोही संगठन से निकले हैं, जिन्होंने 52 सालों तक तिरंगा नहीं फहराया। आजादी की लड़ाई से ये कांग्रेस पार्टी को तब भी नहीं रोक पाए और आज भी नहीं रोक पाएंगे।