विदेश मंत्री एस जयशंकर 24 मई से पांच दिवसीय यात्रा पर अमेरिका जायेंगे जहां उनके, अमेरिकी कंपनियों के साथ कोविड-19 रोधी टीके, घरेलू उत्पादन के लिये कच्चे माल की खरीद और टीकों के संयुक्त उत्पादन की संभावना के बारे में चर्चा करने की संभावना है। उनकी इस विदेश यात्रा को पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने तंज़ कसा है।
सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट कर लिखा “हम देशभक्त भारतीय इस बात से दुखी हैं कि हमारा देश विश्व में टीकों का सबसे बड़ा निर्माता माना जाता है। लेकिन खुद को आत्मनिर्भर भारत कहने वाला ये राष्ट्र अभिमान के चलते संकट में हैं और उसे अपने विदेश मंत्री को मिशन पर अमेरिका और यूरोपीय टीकों के अनुरोध के लिए भेजना पड़ रहा है। मुझे उम्मीद है कि वे कम से कम वेटर की तरह कपड़े नहीं पहनेंगे।”
विदेश मंत्रालय से जारी एक बयान में कहा गया है, “विदेश मंत्री एस जयशंकर 24 से 28 मई 2021 तक अमेरिका की यात्रा पर रहेंगे। न्यूयार्क में उनके संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस से मुलाकात करने की संभावना है।”
We patriotic Indians are sad that our country regarded as World’s largest manufacturer of vaccines, and claimant for being Atmanirbhar Bharat nation, has fallen due to Hubris, to sending EAM on mission to US and EU to plead for vaccines!! I hope at least not dressed like a waiter
— Subramanian Swamy (@Swamy39) May 22, 2021
मंत्रालय ने बताया कि जयशंकर वाशिंगटन में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन के साथ चर्चा करेंगे। वे अमेरिकी मंत्रिमंडल के सदस्यों एवं वहां के प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ द्विपक्षीय संबंधों के बारे में चर्चा करेंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के जनवरी में सत्ता संभालने के बाद भारत के किसी वरिष्ठ मंत्री की यह पहली यात्रा होगी।
समझा जाता है कि इस यात्रा के दौरान जयशंकर भारत में कोविड-19 रोधी टीके के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने के लिये अमेरिका से कच्चे माल की आपूर्ति तेज करने पर जोर दे सकते हैं। साथ ही टीके के संयुक्त उत्पादन की संभावना के बारे में भी वह चर्चा करेंगे।
मंत्रालय के बयान के अनुसार, विदेश मंत्री की यात्रा के दौरान उनका, भारत और अमेरिका के बीच आर्थिक एवं कोविड-19 महामारी से जुड़े सहयोग को लेकर कारोबारी मंचों से संवाद का कार्यक्रम है। भारत में ऐसा विचार भी सामने आया है कि अमेरिका के रक्षा उत्पादन अधिनियम के तहत अमेरिकी कंपनियों के कच्चे माल के निर्यात पर कुछ प्रतिबंध लगाया गया है। फरवरी के प्रारंभ में अमेरिकी सरकार ने टीके के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये कच्चे माले के निर्यात की सीमा तय कर दी थी।