भारत और चीन के बीच लद्दाख स्थित एलएसी पर पिछले 9 महीने से तनाव की स्थिति बनी हुई है। फिलहाल दोनों देशों की सेनाएं तीन अलग-अलग हिस्सों- पैंगोंग सो, गलवान घाटी और डेपसांग प्लेन्स पर आमने-सामने हैं। चीन और भारतीय सेना के बीच जल्द ही विवाद सुलझाने के लिए कोर कमांडर स्तर की बैठक भी होनी है। इस बीच भाजपा के ही राज्यसभा सांसद और मुखर नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सीमा विवाद को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने चीन का नाम न लेने के लिए पीएम को भी निशाने पर लिया।
सुब्रमण्यम स्वामी ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, “क्या मोदी सरकार के किसी कैबिनेट मिनिस्टर को पता है अगर सरकार ने लद्दाख में विदेशी सेना द्वारा कब्जाई गई जमीन को छुड़ाने का संकल्प लिया है? प्रधानमंत्री ने खुद अब तक आक्रामणकारी के तौर पर चीन का नाम नहीं लिया है। तो आखिर कौन एलएसी पार कर आया और हमारी जमीन पर कब्जा कर लिया?”
चीन को लेकर मोदी सरकार को चेताते रहे हैं स्वामी: गौरतलब है कि भाजपा से राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी चीन को लेकर कई मौकों पर मोदी सरकार को चेता चुके हैं। हाल ही में जब कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि चीन और भारत अपनी-अपनी सेनाओं को पैंगोंग सो और अन्य विवाद वाली जगहों से पीछे हटाने के लिए सहमत हुए हैं। स्वामी ने चिंता जाहिर करते हुए कहा था कि चीनी सेना (PLA) के पैंगोंग लेक से पीछे हटने के प्रस्ताव के खतरनाक अंजाम हो सकते हैं, क्योंकि भारत ने वहां ऊपर पठार पर कब्जा किया है, जबकि पीएलए ने नीचे मैदानी इलाके पर। स्वामी ने कहा कि असली वापसी तब मानी जाएगी, जब पीएलए डेपसांग को जैसा है वैसा ही छोड़ दे। वहां चीनी सेना की मौजूदगी अस्वीकार्य है।
चीन से पिछले 9 महीने से भारत का तनाव जारी: 15 जून को गलवान घाटी में हुए संघर्ष में 20 भारतीय सैनिकों की जान चली गई थी वहीं चीन के कई सैनिक मारे गए थे। भारत के मुताबिक एलएसी फिंगर 8 से होकर गुजरती है लेकिन मई में चीनी सेना 8 किलोमीटर अंदर फिंगर-4 तक आ गई थीं। जुलाई में बातचीत के बाद चीनी सेना फिंगर 5 में और भारतीय सेना फिंगर-3 में चली गई थीं।