गुजरात के अहमदाबाद में स्थित दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम ‘मोटेरा’ का नाम नरेंद्र मोदी स्टेडियम करने के सरकार के फैसले पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने एक सलाह दी है। स्वामी ने कहा की गुजरात सरकार को नरेंद्र मोदी वापस ले लेना चाहिए और कहना चाहिए कि ऐसा करने से पहले हमने उनसे सलाह नहीं ली थी।
सुब्रमण्यम स्वामी ने स्वीट कर लिखा ” गुजरात के एक दामाद के रूप में, राज्य के कई लोगों ने मुझे स्टेडियम से सरदार पटेल का नाम हटाने के बारे में बताया है। मेरा सुझाव यह है कि गुजरात सरकार को गलती ठीक करते हुए नरेंद्र मोदी का नाम वापस ले लेना चाहिए। उन्हें ऐसा करते हुए कहना चाहिए कि नाम बदलते वक़्त मोदी से सलाह नहीं ली गई थी इसलिए इसे वापस ले लिया जा रहा है।” यह पहली बार नहीं है जब स्टेडियम पर सुब्रमण्यन स्वामी ने ऐसा कोई बयान दिया है।
As a son in law of Gujarat, many from the state have informed me of their agony over the removal of Sardar Patel’s name from the Stadium. My suggestion is that Gujarat Government cuts its losses and say since Modi was not consulted in the name change therefore it is withdrawn.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) February 26, 2021
इससे पहले स्वामी ने नाम बदलने को लेकर एक तंज कसा था। सरदार पटेल मोटेरा स्टेडियम को सिर्फ मोटेरा स्टेडियम कहे जाने पर उन्होंने कहा कि ऐसा बोलना झूठ है। सुब्रमण्यन स्वामी ने ट्वीट किया, ‘जब कोई यह कहता है कि मोदी स्टेडियम का पुराना नाम मोटेरा स्टेडियम था तो वह झूठ बोलता है। क्या सरदार पटेल स्टेडियम नाम नहीं था?’
अहमदाबाद के सरदार पटेल मोटेरा स्टेडियम का पुनर्निर्माण हुआ है और 1.32 लाख लोगों के बैठने की क्षमता वाला स्टेडियम तैयार किया गया है। नवनिर्माण के बाद इसका नाम नरेंद्र मोदी स्टेडियम कर दिया गया है। नए नामकरण के बाद से ही सरकार आलोचना झेल रही है, लेकिन गुजरात सरकार ने इस पर अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि सरदार पटेल के नाम स्पोर्ट्स एन्क्लेव बन रहा है। इस एन्क्लेव के अंतर्गत ही स्टेडियम होगा, जो उसका एक हिस्सा है। स्पोर्ट्स एन्क्लेव में फुटबॉल, हॉकी समेत तमाम खेलों के लिए व्यवस्था की जाएगी।
बता दें कि सुब्रमण्यन स्वामी बीते कई सालों से भाजपा नेतृत्व से नाराज चल रहे हैं। भले ही वह खुलकर अपनी राय नहीं रखते हैं, लेकिन इशारों में वह अकसर तंज कसते रहते हैं। किसान आंदोलन को लेकर भी उन्होंने सरकार से उलट अपनी राय जाहिर की थी।
