Subramanian Swamy on Modi Government: भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख के गोगरा इलाके में अपनी सेनाएं जरूर पीछे कर ली हैं लेकिन देपसांग पर रार बकरार है। इसको लेकर बीजेपी के सुब्रमण्यम स्वामी (Subramanian Swamy) ने सख्त लहजे में टिप्पणी करते हुए पूछा कि आखिर हम कब तक कतराते रहेंगे। स्वामी ने ट्वीट कर कहा कि कब तक हम भारत और चीन की सेनाओं के आपसी सहमति से पीछे हटने की खबरों का छल करते रहेंगे। उन्होंने पूछा कि क्या चीनी सैनिक देपसांग से पीछे हट गए हैं। नहीं, वह वहां बने हुए हैं। उनके इस ट्वीट पर एक सोशल मीडिया यूजर ने स्वामी (Subramanian Swamy) से पूछा कि आखिर समस्या क्या है, किस दुविधा के कारण सरकार ऐसा नहीं कर रही है।
यूजर का जवाब देते हुए सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि मोदी सरकार को चार काम करने चाहिए। सबसे पहले तो सरकार को मोदी और शी जिनपिंग के बीच हुई 18 मुलाकातों को लेकर व्हाइट पेपर प्रकाशित करना चाहिए। फिर उन्हें अपनी ‘कोई आया नहीं कोई गया नहीं’ टिप्पणी को वापस लेना चाहिए। तीसरी सलाह देते हुए स्वामी ने कहा कि भारत द्वारा चीन को आक्रामक घोषित करते हुए जवाबी कार्रवाई की धमकी देनी चाहिए और आखिर में फेक आईडी ट्विटर ग्रुप की जांच की जानी चाहिए।
बताते चलें कि भारत और चीन ने गोगरा में करीब 15 महीनों तक तनाव की स्थिति रहने के बाद एक साथ कदम पीछे करने पर रजामंदी जताई है। इलाके में शांति और स्थिरता की बहाल करने कीदिा में दोनों तरफ की सेनाओं ने अपने अस्थायी ढांचों को गिरा दिया, साथ ही दोनों की रजामंदी से नो पेट्रोलिंग जोन भी बनाया गया है जहां सैनिक गश्त नहीं करेंगे।
देपसांग में रार बरकार है। कुछ इलाकों पर चीन ने अपनी सेनाओं को पीछे करने की रजामंदी जताई है लेकिन देपसांग और डेमचोक इलाके में भारतीय सीमा में बने अपने तंबुओं को हटाने की चर्चा को खारिज कर दिया है। चीनी सेना, इस इलाके में भारत की सेना को गश्ती करने से रोक रही है। देपसांग का इलाका दौलत बेग ओल्डी को काराकोरम दर्रे की तरफ है, चीन ने भारतीय सीमा के 18 किलोमीटर अपने तंबू लगाए हैं। सेना का कहना है कि जल्द ही चीन के साथ देपसांग ओर डेमचोक को लेकर चर्चा तेज की जाएगी।
यह पहला मौका नहीं है जब सुब्रमण्यम स्वामी (Subramanian Swamy) ने अपनी ही सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए हों, वह अक्सर आर्थिक और विदेश मामलों को लेकर सरकार की तीखी आलोचना करते रहे हैं।