बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने दावा किया है कि अयोध्या में राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से भारत के मुसलमान तीन हिस्सों में बंट चुके हैं। स्वामी ने ट्वीट करते हुए लिखा है, राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मुस्लिम समाज तीन हिस्सों में बंट गया है। 1.ऐसे लोग जो संवैधानिक परिणामों से समझौते की इच्छा रखते हैं। 2. दारूल इस्माल के सपने लिए अतीत में जीने वाले लोग। 3. ऐसे लोग जो सिक्यूलर्स द्वारा धमकाए हुए हैं।
हिंदुत्व को पहले समाज वालों का स्वागत करना चाहिए। इससे पहले स्वामी ने थाणे में आयोजित एक कार्यक्र में 2022 तक राम मंदिर बनने का दावा किया। स्वामी ने कहा कि अगले साल दो अप्रैल को राम मंदिर का शिलान्यास होगा और साल 2022 में राम नवमी के दिन मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा।
It is clear now post Ram Mandir SC judgment that India’s Muslim society is of 3 parts: 1. willing to adjust with Constitutional consequences 2.the Darul Islam dreamers living in the past, & 3.who are brow beaten by sickulars into fear. Hindutva must welcome the first part.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) December 28, 2019
स्वामी ने कहा कि देश में तीन मंदिरों को सर्वोच्च सम्मान दिया जाता है और यह आस्था से जुड़ा विषय है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर, द्वारका में श्रीकृष्ण मंदिर और वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर को सर्वोच्च सम्मान दिया जाता है। उन्होंने कहा कि हमारे देश में 40 हजार मंदिरों को तोड़ दिया गया अब उनका फिर से निर्माण तो नहीं किया जा सकता लेकिन इन तीन मंदिरों को संरक्षित किया जाए।
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