भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी का एक मार्च 2020 का वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान का है, जब स्वामी केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय विधेयक, 2019 पर चर्चा में भाग लेते हुए कुछ ऐसी बातें कह जाते हैं जिससे विपक्ष असहज होता दिखता है।
दरअसल केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय विधेयक, 2019 को मार्च 2020 में राज्यसभा में पेश किया था। यहां डीएमके अलावा किसी पार्टी ने इसका विरोध नहीं किया और विधेयक पास हो गया। इसी दौरान चर्चा में भाग लेते हुए स्वामी ने गूगल का जिक्र आने पर डीएमके सांसदों से कहा कि गूगल आपके लिए है, हमारे लिए नहीं। गूगल आपके जैसे ईडियट्स के लिए है। स्वामी के इस बयान ने बाद विपक्षी सांसद हंगामा करने लगे।
स्वामी ने इस विधेयक के समर्थन में तर्क देते हुए कहा कि यहां संस्कृत और तमिल पर सवाल उठा है। अगर आप तमिल की डिक्सनरी देखते हैं, किसी भी भाषा की… और आप इसकी संस्कृत से तुलना करते हैं, तो आपको 40 प्रतिशत शब्द तमिल और संस्कृत में सामान मिलेंगे। इसी बीच डीएम के सांसद बीच में स्वामी को टोकते हैं… बस फिर किया था तमिल नेताओं के नाम को ही स्वामी ने उदाहरण बना डाला।
सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा- मिस्टर वायको को नहीं बोलना चाहिए, उनका असली नाम वी गोपाल स्वामी है, जो संस्कृत है। डीएमके का चुनाव चिन्ह भी संस्कृत से ही कॉपी किया गया है। करुणानिधि भी संस्कृत शब्द है। स्वामी के इन तर्कों से सदन में ठहाके लगने लगे।
आगे स्वामी ने कहा कि हम सभी भाषाओं में संस्कृत के बहुत से शब्दों का उपयोग करते हैं। देवनागरी हिंदी नहीं है। देवनागरी लिपि का प्रयोग हिंदी, मराठी और नेपाली में होता है।
बता दें कि केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय विधेयक, 2019 तब शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने राज्यसभा में पेश किया था। इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य देश के तीन डीम्ड यूनिवर्सिटी को केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में बदलना था। ये डिम्ड यूनिवर्सिटी थे- राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान (नई दिल्ली), लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ (नई दिल्ली), राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ (तिरुपति)। सदन में इस विधेयक पर चर्चा के दौरान डीएमके को छोड़कर बाकी सभी विपक्षी दलों ने इसका समर्थन किया था।
