अगस्ता वेस्टलैंड सौदा मुद्दे पर राज्यसभा में सोमवार को भाजपा के सुब्रमण्‍यम स्वामी और कांग्रेस सदस्यों के बीच खासी तकरार हुई। जयराम रमेश के सुब्रमण्‍यम स्‍वामी के दस्‍तावेजों को प्रमाणित करने का मुद्दा उठाने के बाद ऐसा हुआ। इसी बीच उप सभापति पीजे कुरियन ने कहा कि अगस्‍ता वेस्‍टलैंड मुद्दे पर अपने बयान के पक्ष में हाल ही में मनोनीत स्वामी ने जो दस्तावेज सदन के पटल पर रखे थे, उन्हें आसन ने न तो प्रमाणित किया है और न ही मंजूरी दी है। कुरियन ने यह बयान कांग्रेस के जयराम रमेश द्वारा यह मुद्दा उठाए जाने पर दी।

जयराम रमेश ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि स्वामी ने अपने टि्वटर हैंडल पर कहा है कि राज्यसभा ने उनके दस्तावेजों को मंजूरी दे दी जिन्हें उन्होंने अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदा मुद्दे पर चर्चा के दौरान सदन के पटल पर रखा और जिनके आधार पर उन्होंने आरोप लगाए थे। कुरियन ने कहा, ‘इसे (स्वामी के दस्तावेजों को) किसी ने भी प्रमाणित नहीं किया, न सभापति ने और न ही मैंने।’ उप सभापति ने कहा कि दस्तावेजों को प्रमाणित करने की जिम्मेदारी सदस्य की होती है और वही इसके लिए जिम्मेदार होता है। ‘आसन की ऐसी कोई जिम्मेदारी नहीं होती। आसन ने कोई दस्तावेज प्रमाणित नहीं किए।’ कुरियन ने यह भी कहा कि उन्होंने किसी भी चीज की मंजूरी नहीं दी है।

इससे पहले रमेश ने छह मई के राज्यसभा बुलेटिन का हवाला देते हुए कहा था कि आसन ने चर्चा के दौरान स्वामी को उन तीन दस्तावेजों की प्रतियां सदन के पटल पर रखने की अनुमति दी थी जिनका मनोनीत सदस्य ने हवाला देने का दावा किया था। रमेश ने यह भी कहा कि अगले ही दिन स्वामी ने ट्वीट किया ‘राज्यसभा ने मेरे दस्तावेजों को मंजूरी दे दी। अब जयराम रमेश बचाव की मुद्रा में हैं।’ रमेश ने कहा कि यदि उनके दस्‍तावेजों को अगर प्रमाणित नहीं किया गया है तो फिर सम्‍मानित सदस्‍य माफी मांगे। हालांकि उन्‍होंने तुरंत कहा कि वे उन्‍हें सम्‍मानित नहीं कहेंगे।

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रमेश द्वारा उन्‍हें झूठ बोलने की आदत वाला व्‍यक्ति कहे जाने पर स्‍वामी ने विरोध करते हुए कहा कि जयराम रमेश की आदत है कि वे अपना हाथ गलत जगह पर रखते हैं और चोट खाते हैं। अब भी उनके बैंडेज लगी हुई है। उन्‍होंने रमेश के दाएं हाथ पर लगी बैंडेज की ओर इशारा करते हुए ऐसा कहा। टि्वटर पर दिए बयान के बारे में कहा कि जयराम रमेश किसी बुद्धू के फॉलोअर हैं। साथ ही कहा कि सदन के सभापति के फैसले पर सवाल उठाए जा रहे हैं।

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