भाजप की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के एक बयान को लेकर जहां कई मुस्लिम देशों ने अपनी नाराजगी जाहिर की है तो वहीं भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने जोरदार हमला बोला है। उन्होंने अपने एक ट्वीट में सवाल किया कि संकट मोचन मंदिर में हुए ब्लास्ट, जिसमें 14 पुजारियों की जान गई थी, उसके लिए क्या मुस्लिम देशों ने निंदा की थी?
स्वामी ने ट्वीट में लिखा, “मुस्लिम देशों को पता होना चाहिए कि मुस्लिम चरमपंथियों ने 8 मार्च 2006 को संकट मोचन मंदिर को उड़ाने के लिए बम लगाए थे। जिसमें कम से कम 14 पुजारियों की मौत हुई थी और 100 से अधिक भक्त घायल हुए थे। क्या इन मुस्लिम देशों ने इसकी निंदा की थी? न्यूयॉर्क टाइम्स ने इसकी पूरी रिपोर्ट छापी थी।”

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में क्या है?: 9 मार्च 2006 को न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में लिखा गया, “मंगलवार(7 मार्च 2006) की शाम वाराणसी के संकट मोचन मंदिर और पास के रेलवे स्टेशन में विस्फोट हुआ। जिसमें कम से कम 14 लोग मारे गए और 100 से अधिक घायल हो गए। एक प्रेशर कुकर के अंदर विस्फोटक भरकर कई जगह बैग में छोड़ दिया गया था।” रिपोर्ट में लिखा गया, “संकट मोचन हनुमान मंदिर के परिसर में बम लगाया गया, क्योंकि शाम के समय प्रार्थना के लिए हजारों भक्त एकत्र हुए थे।”
बता दें कि इस मामले में 5 अप्रैल 2006 को पुलिस में प्रयागराज के फूलपुर गांव के वलीउल्लाह को गिरफ्तार किया था। उसपर संकट मोचन मंदिर में हुए धमाके की साजिश रचने और आतंकवादी संगठन हूजी को पनाह देने का आरोप था। इसके अलावा उसके पास से एके-47 और आरडीएक्स बरामद हुआ था। गौरतलब है कि इस मामले के दोषी वलीउल्लाह को गाजियाबाद की अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है।
स्वामी ने नूपुर शर्मा पर हुई कार्रवाई पर जताई नाराजगी: 8 जून को सुब्रमण्यम स्वामी ने नूपुर शर्मा के मामले में केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि अरबों के सामने मोदी सरकार खड़ी नहीं हो सकती है। उन्होंने आगे कहा, भारत सरकार ने इजरायल के खिलाफ वोट किया था और आतंकी देश हमास के समर्थन में वोट किया था।
वहीं इससे पहले स्वामी ने कहा था, “8 साल के मोदी शासन के दौरान भारत माता को शर्म से सिर झुकाना पड़ा क्योंकि हम लद्दाख पर चीनियों के सामने रेंगते रहे, रूसियों के सामने घुटने टेक देते हैं। अब हमने छोटे से कतर के सामने साष्टांग दंडवत कर दिया है। यह हमारी विदेश नीति की कमियां हैं।”