ग्लोबल बर्डन आफ डिजीज ने बुधवार को दिल्ली में दावा किया कि भारत में होने वाली कुल मौतों में से लगभग एक चौथाई (24.8 फीसद) हृदय रोगों (सीवीडी) के कारण होती हैं। यह जोखिम और बढ़ रहा है, खासकर युवाओं में। यही नहीं, उच्च रक्तचाप से ग्रस्त महिलाओं में 80 फीसद मोटापे की शिकार पाई गई हैं, जबकि पुरुष तनाव ज्यादा लेते हैं।
इंडिया हेल्थ लिंक (आइएचएल) ने हील फाउंडेशन के सहयोग से यह अध्ययन किया है। आंकड़े बुधवार को राजधानी दिल्ली में बुलाई प्रेस कांफ्रेस में जारी किए गए। इस मौके पर डा एचके चोपड़ा, (वरिष्ठ हृदयरोग विशेषज्ञ, मेदांता, मूलचंद), इंडिया हेल्थ लिंक (आइएचएल) के संस्थापक डा सत्येंद्र गोयल मौजूद थे। इस अध्ययन में आरडब्लूए और अस्पतालों के मरीजों में से 1599 लोगों ने भाग लिया।
अध्ययन में 68 फीसद पुरुष और 38 फीसद महिला प्रतिभागी थे। अध्ययन से पता चला है कि कुल आबादी का लगभग आधा (48 फीसद) या तो उच्च रक्तचाप से ग्रस्त है या जोखिम में हैं। महिलाओं (23 फीसद) की तुलना में अधिक पुरुष (37 फीसद) तनावग्रस्त पाए गए। लेकिन उच्च रक्तचाप से ग्रस्त लोगों में से, 67 फीसद पुरुषों की तुलना में 80 फीसद महिलाएं मोटापे की शिकार या अधिक वजन वाली थीं।
डा एचके चोपड़ा, ने कहा-यह चौंकाने वाली बात सामने आई है कि 80 फीसद उच्च रक्तचाप वाली महिलाएं मोटापे से ग्रस्त हैं और कुल मिलाकर, पुरुषों की तुलना में महिलाओं को हृदय संबंधी समस्याओं का पता नहीं चलने का खतरा अधिक पाया गया। हृदय स्वास्थ्य के लिए निवारक जांच के महत्व पर जोर देते हुए डाक्टर सोनिया रावत, निदेशक, निवारक स्वास्थ्य और कल्याण विभाग (सर गंगा राम अस्पताल) ने कहा- आइएचएल के अध्ययन के बाद अब महिलाओं को नियमित रूप से निवारक जांच कराना चाहिए।