JIND Panchayat: हरियाणा के जींद जिले की में हुई एक पंचायत ने राज्य के मुख्यमंत्री, गृह मंत्री और एसीएस को पत्र लिखा है। पत्र में टैब बच्चों से टैब वापस लेने की मांग की गई है। पंचायत का कहना है कि सरकार से मिले टैबलेट बच्चों को पढ़ाई से दूर ले जा रहे हैं। बच्चे टैबलेट में आपत्तिजनक चीजें देख रहे हैं। साथ ही पढ़ने की जगह वो गेम खेलते हैं। अभिभावक इस बात की शिकायत सरपंच कर रहे हैं। इसलिए पंचायत ने सरकार को पत्र लिखा है।
अभिभावकों ने कहा कि सरकार हमारे बच्चों से टैब वापस ले लो। बच्चे नए-नए एप डाउनलोड करके पूरे दिन गेम खेलते हैं। दूसरी असभ्य चीजें देखते हैं। वह पूरे दिन टैब में लगे रहते हैं। पढ़ने के बजाय और बिगड़ रहे हैं। टैब का सद्पयोग होने के बजाय दुरुपयोग हो रहा है। अभिभावकों की शिकायतों को देख जींद के गांव ढिगाना की पंचायत ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल, गृहमंत्री अनिल विज और शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। पत्र में टैब वापस लेने की मांग की गई है। गांव के सरपंच विनोद कुमार ने कहा कि गांव में रहने वाले अभिभावकों की शिकायतें उनके पास लगातार आ रही हैं।
अभिभावकों को चिंता है कि टैब के कारण उनके बच्चों पर गलत असर पड़ रहा है। पूरा दिन गेम खेलने से पढ़ाई की तरफ उनका कोई ध्यान नहीं है। टैबलेट बच्चों को पढ़ाई व उनसे दूर लेकर जा रही है। इसी कारण वे चाहते हैं कि सरकार टैब वापस ले ले।
सरपंच विनोद कुमार ने कहा, ‘उन्होंने कई बच्चों को खुद टैबलेट पर आपत्तिजनक साइट सर्च करते हुए देखा है। इसके अलावा कई बच्चे पूरे दिन गेम खेलते हैं। उन्होंने कहा कि आजकल बच्चे अपनी मर्जी से ऐसे ऐप डाउनलोड कर लेते हैं, जो बच्चों पर गलत प्रभाव डालते हैं। वो आगे बताते हैं कि उन्होंने खुद कई बच्चों के टैबलेट में ऐसे ऐप देखे हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में अभिभावकों ने भी उनसे इस तरह की शिकायतें की हैं।’
बता दें, हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने 9वीं से 12वीं तक की कक्षा के लगभग 8 लाख बच्चों को टैबलेट दिए थे, ताकि वे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हुए तकनीक की दौड़ में पीछे न रह जाएं। जींद जिले में कुल 25805 विद्यार्थी हैं। उनमें से 22494 को टैबलेट दिया गया था।
मनोहर लाल खट्टर सरकार ने टैबलेट देते समय मोबाइल डिवाइस मैनेजमेंट प्रणाली (MDM) लागू करने की बात कही थी। बता दें, एमडीएम ऐसी सुविधा है, जो टैबलेट में अनेक प्रकार की साइट्स को प्रतिबंधित कर देती है। इससे बच्चे आपत्तिजनक सामग्री नहीं देख सकते, लेकिन ऐसा अभी तक लागू नहीं हुआ है। यदि यह लागू होता तो अभिभावकों को इतनी परेशानी नहीं होती। सरपंच ने कहा कि आजकल बच्चे इतने तेज हो गए हैं कि वह एमडीएम का भी कोई न कोई तोड़ निकाल ही लेते हैं।
जिला शिक्षा अधिकारी विजय लक्ष्मी ने कहा, ‘टैबलेट के दुरुपयोग की शिकायत अभी मुझे नहीं मिली है। यदि ऐसा हो रहा है तो इसको हल करने की कोशिश की जाएगी। शिकायत मिलने पर उच्चाधिकारियों के संज्ञान में इस मामले को लाया जाएगा।