Khushkeerat Mand

पंजाब के सरकारी स्कूलों में शनिवार को मेगा पेरेंट्स टीचर्स मीटिंग का आयोजन किया गया। पूरे राज्य में 19 लाख से अधिक अभिभावकों ने इसमें हिस्सा लिया। सोहाना स्थित गवर्नमेंट गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल में भी इसका आयोजन किया गया। जब छात्रों ने ‘बिजनेस ब्लास्टर प्रोजेक्ट’ के माध्यम से अपनी बिजनेस प्रतिभा का प्रदर्शन किया तो स्कूल परिसर उत्साह से भर गया। दो महीनों में तैयार किए गए हर्बल ऑर्गेनिक कम्पोस्ट से लेकर ताजा चना कुलचा की बिक्री तक, कई स्टाल्स प्रदर्शित किए गए। मुख्यमंत्री भगवंत मान का मेगा पीटीएम में भाग लेने का रिक्वेस्ट करने वाला फोन आने पर कई माता-पिता काफी खुश दिखे।

महकप्रीत कौर बनना चाहती हैं PM

12 से 18 वर्ष की आयु की लड़कियों ने आपदा प्रबंधन, मतदान जागरूकता और कानूनी साक्षरता सहित अन्य विषयों पर प्रभावशाली प्रोजेक्ट्स प्रदर्शित किए। इस बीच कक्षाओं में पीटीएम का माहौल बना रहा, जिसमें शिक्षकों और अभिभावकों ने छात्रों से इन प्रारंभिक वर्षों के दौरान बेहतरी के लिए प्रयास करने का आग्रह किया। गुर आसरा ट्रस्ट की छात्रा महकप्रीत कौर ने भारत की भावी प्रधानमंत्री बनने की अपनी महत्वाकांक्षा व्यक्त की और उनका लक्ष्य गांवों की लड़कियों की उपलब्धियों के बारे में रूढ़िवादिता को चुनौती देना है।

जहां कुछ लड़कियों ने शिक्षा में आत्मविश्वास दिखाया, वहीं सभी ने अपनी महत्वाकांक्षा बताई। स्कूल की 880 लड़कियों में से कई डॉक्टर, शिक्षक और सिविल सेवक बनने की ख्वाहिश रखती हैं। हालांकि अभी भी बड़ी संख्या में छात्र ऑस्ट्रेलिया में बसना पसंद करते हैं।

विदेश में बसने की आकांक्षा

सिमरनजीत कौर (जिसका पालन-पोषण उनकी मां करती हैं) ने विदेश में बेहतर जीवन की तलाश करने की अपनी आकांक्षा व्यक्त की और इससे उनकी मां रमनजीत कौर गर्व महसूस करती हैं। जब कुछ छात्रों ने अपने भविष्य की संभावनाओं के बारे में चिंता व्यक्त की तो माहौल गंभीर हो गया। उदाहरण के लिए 11वीं कक्षा की कॉमर्स छात्रा जसप्रीत कौर अनिश्चित भविष्य के बारे में आशंका व्यक्त करते हुए रो पड़ीं। उनके पिता एक दिहाड़ी मजदूर हैं और अपनी बेटी के वकील बनने की उनकी क्षमता पर दृढ़ता से विश्वास करते हैं और उनकी सफलता की उम्मीद करते हैं। शिक्षकों ने जसप्रीत जैसे छात्रों के साथ मिलकर सांत्वना, आश्वासन और निरंतर मार्गदर्शन और समर्थन का वादा भी किया।

बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी कर रही एरिका ने वित्तीय बाधाओं के कारण निजी से सरकारी स्कूल में ट्रांसफर होने के अपने अनुभव को साझा किया। शुरू में शिक्षा की गुणवत्ता के बारे में झिझक के बाद उसे अपने नए स्कूल में समान अवसरों की खोज करने में राहत महसूस हुई। मेगा पीटीएम में जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. गिन्नी दुग्गल भी आईं, जिन्होंने स्कूल की उपलब्धियों और सरकार की शिक्षा नीतियों के बारे में बताया।