Kerala Hartal : Citizenship Amendment Act को लेकर अब केरल में भी प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। केंद्र सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन कानून को लागू करने के विरोध में मंगलवार (17-12-2019) को केरल में बंद का ऐलान किया गया है। विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस हड़ताल में कम से कम 30 संगठन शामिल हैं। राज्य में यह हड़ताल सुबह 6 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक बुलाई गई है। इस हड़ताल में Welfare Party, Social Democratic Party of India (SDPI), BSP और DHRM शामिल हैं। खास बात यह भी है कि इस हड़ताल में राज्य की मुख्य पार्टियां मसलन – सीपीएम, कांग्रेस और मुस्लिम लीग हिस्सा नहीं ले रही हैं।
इस हड़ताल को लेकर राज्य बीजेपी ने आरोप लगाया है कि यह हड़ताल बिल्कुल ही गैरजरूरी है और हड़ताल में शामिल पार्टियां इसे सांप्रदायिक रंग देने में जुटी हैं ताकि वो इसका राजनीतिक फायदा उठा सकें। बहरहाल इस हड़ताल को लेकर राज्य में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। राज्य ट्रांसपोर्ट की बसें तय शिड्यूल के मुताबिक ही चल रही हैं और ऐसी उम्मीद है कि हड़ताल की वजह से परीक्षाएं भी नहीं टाली जाएंगी।


केरल हड़ताल से संबंधित जो खबरें अब तक विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स से सामने आई हैं उसके मुताबिक यहां मंगलवार (17-12-2019) को आयोजित होने वाली स्कूल और विश्वविद्यालय की परीक्षाओं को स्थगित करने की जरुरत नहीं पड़ी है।
केरल राज्य ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन की बसों पर कई जगहों पत्थरबाजी की गई है। दुकानों को भी यहां जबरदस्ती बंद कराया गया है। 12 घंटों के हड़ताल के दौरान कई जगह हिंसा की भी खबरें आईं। पुलिस ने 200 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार भी किया।
केरल में एक अधिकारी ने बताया कि तमिलनाडु के वेलनकन्नी से आ रही बस पर वलायार में तड़के तीन बजे पथराव की घटना सामने आई। कन्नूर में कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक जुलूस भी निकालाष इन कार्यकर्ताओं को यहां से हटाया गया और हिरासत में लिया गया। यहां प्रदर्शन कर रही दो महिला कार्यकर्ताओं को जब पुलिस ले जा रही थी तो उन्होंने ‘इंकलाब जिंदाबाद’ के नारे लगाए और ‘सीएए वापस लो’ के नारे लगाए। उन्होंने जामिया के छात्रों का हवाला देते हुए कहा, 'वे हमारे बच्चे हैं और आप को हमारा समर्थन करना चाहिए।' मुन्नार में भी केएसआरटीसी बस पर पथराव की घटना सामने आई है.
केएसआरटीसी, निजी बसें, चार वाहन और ऑटोरिक्शा राजधानी में चलते हुए देखे गए जबकि उत्तरी केरल खास तौर पर कन्नूर और कोझिकोड में सुबह सड़कें खाली रही। शहर के पेरूर्रकादा इलाके के अलावा पलक्कड़, वायनाड, कोझिकोड और अलुवा में केएसआरसीटीसी बसों पर भी पथराव हुआ है। कई स्थानों पर हड़ताल समर्थकों ने प्रदर्शन भी किया।
केरल के एर्नाकुलम रूरल से 55 लोग, थ्रिसूर से 51 लोग, इडुक्की से 3 लोग, पालाकाड से 21 लोग, कन्नूर से 13 लोग, कोट्टायम से 12 लोग और वायानाड से 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
केरल में विभिन्न संगठनों ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ बंद बुलाया है। त्रिवेंद्रम में हड़ताल के दौरान लोग सड़क पर बैनर-पोस्टर लेकर निकले। केरल पुलिस के मुताबिक सुबह 11 बजे तक करीब 233 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
केरल में घोषित हड़ताल अब हिंसक हो चुका है। तिरुर और पालाकाड में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हो गई है। स्थानीय न्यूज के मुताबिक इन जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने रास्तों को बंद करने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठियां चटकाईं। आपको बता दें कि केरल पुलिस ने पहले ही कहा था कि यह हड़ताल गैरकानूनी है और बिना अनुमति के ही यह हड़ताल बुलाई गई है।
न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक पुलिस ने सुबह 9 बजे तक करीब 120 लोगों को हिरासत में लिया है। पालाकाड के एसपी शिवा विक्रम ने न्यूज एजेंसी ने बातचीत करते हुए बताया कि 'करीब 50-70 लोगों को अभी हिरासत में लिया गया है। कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।'
संशोधित नागरिकता कानून को लागू किए जाने का विरोध कर रहे करीब 30 संगठनों की एक संयुक्त कार्य समिति ने 17 दिसंबर को केरल में राज्यव्यापी हड़ताल बुलाई है। ऐसी उम्मीद है कि इस हड़ताल से परीक्षाएं प्रभावित नहीं होंगी।
केरल में हड़ताल के दौरान पब्लिक बस पर पत्थर फेंके गए हैं। बस पर पत्थरबाजी की यह घटना त्रिवेंद्रम-मुन्नार रूट पर हुई है। इससे पहले तमिलनाडु ट्रांसपोर्ट बस पर वालायर केरल-तमिलनाडु बॉर्डर के पास पथराव हुआ था। इस पथराव में बस के शीशे टूट गए थे।
हड़ताल के मद्देनजर तिरुवनंतपुरम स्थित चाला बाजार आद बंद है। जो तस्वीरें यहां से आई हैं उनमें दुकानों के शटर बंद नजर आ रहे हैं और सड़कों पर भी सन्नाटा पसरा नजर आ रहा है।
फोटो सोर्स - (Maheen Hassan, Indian Express)
भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कुम्मनम राजशेखरन ने आरोप लगाया है कि यह हड़ताल सत्तारूढ़ लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) और विपक्षी यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के समर्थन से कुछ 'चरमपंथी समूह' की तरफ से बुलाई जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस कदम के जरिए माकपा और कांग्रेस की आतंकी संगठनों के साथ की जा रही साजिश सामने आ गई है। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि ये दल लोगों के बीच सांप्रदायिक भेदभाव पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।