केंद्र सरकार ने बुधवार को सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पत्र लिख कर उन्हें संबंधित विभागों को कम से कम 48 घंटे के लिए मेडिकल आक्सीजन का पर्याप्त भंडार सुनिश्चित करने का आग्रह किया। साथ ही आक्सीजन नियंत्रण कक्षों को फिर से मजबूत करने का निर्देश देने का भी आग्रह किया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कोरोना का उभरता परिदृश्य सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर चिकित्सीय आक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से तत्काल उपाय करने की मांग करता है।

इस संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को एक पत्र में लिखा है। पत्र में उन्होंने कहा कि आक्सीजन थेरेपी सेवाएं प्रदान करने वाले निजी स्वास्थ्य केंद्रों का मूल्यांकन किया जा सकता है और उनकी चिकित्सीय आक्सीजन अवसंरचना क्षमताओं का पता लगाने की बाकी पेज 8 पर आवश्यकता है। उन्होंने सलाह दी कि मांग के चरम पर रहने के दौरान निजी क्षेत्र की क्षमता का लाभ लेने के लिए एक संभावित रणनीति एवं तंत्र विकसित किया जा सकता है।

भूषण ने रेखांकित किया कि स्वास्थ्य केंद्रों में तरल चिकित्सीय आक्सीजन (एलएमओ) टैंक पूरी तरह से भरे होने चाहिए और उनको दोबारा भरने के लिए निर्बाध आपूर्ति शृंखला सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि देश भर में ‘प्रेशर एडजार्प्शन स्विंग’ (पीएसए) संयंत्रों के साथ स्वास्थ्य केंद्रों को मजबूत किया गया है। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना महत्त्वपूर्ण है कि इन पीएसए संयंत्रों को पूरी तरह क्रियाशील रखा जाए।

भूषण ने कहा कि ऐसे संयंत्रों के उचित रखरखाव के लिए सभी कदम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि रोगी देखभाल और आक्सीजन चिकित्सा प्रदान करने वाले सभी स्वास्थ्य केंद्रों में कम से कम 48 घंटे के लिए पर्याप्त आक्सीजन का अतिरिक्त भंडार होना चाहिए। भूषण ने कहा कि सभी स्वास्थ्य केंद्रों में बैकअप भंडार और मजबूत पुन: भरण प्रणाली के साथ आक्सीजन सिलेंडर की पर्याप्त सूची होनी चाहिए।

यह भी सुनिश्चित किया जाए कि इन सिलेंडरों को भर कर तैयार रखा जाए। उन्होंने कहा कि सभी जिलों को सुनिश्चित करना चाहिए कि उनको आपूर्ति किए गए आक्सीजन सांद्रक पूरी तरह क्रियाशील हैं। उनका उचित रखरखाव सुनिश्चित किया जाना चाहिए। सभी उच्चस्तरीय स्वास्थ्य केंद्रों में जीवन रक्षक उपकरण होने चाहिए जिनमें वेंटिलेटर, बीपीएपी, एसपीओ2 प्रणाली और संबंधित उपभोग्य वस्तुएं शामिल हों ताकि उभरती जरूरतों को पूरा किया जा सके।

भूषण ने कहा कि सभी स्वास्थ्य केंद्रों में आक्सीजन वितरण उपकरणों और अन्य उपकरणों का उपयोग करते समय सभी संक्रमण रोकथाम नियमों को अपनाया जाना चाहिए। उन्होंने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से सभी आक्सीजन वितरण उपकरणों और अन्य उपकरणों का उपयोग सुनिश्चित करने और सभी केंद्रों पर पर्याप्त रूप से प्रशिक्षित एचआर की तैनाती सुनिश्चित करने के लिए कहा। सलाह के मुताबिक, अगले कुछ दिनों के भीतर आक्सीजन प्रबंधकों का प्रशिक्षण पूरा किया जाना चाहिए।

सोमवार को दुनिया में कोरोना के 31.59 लाख मामले आए

केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा कि दुनिया भर में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और पूरी दुनिया में एक दिन में अब तक के सर्वाधिक मामले दस जनवरी को आए जिनकी संख्या 31.59 लाख थी। अधिकारी ने कहा कि इस समय भारत में 300 जिलों में साप्ताहिक संक्रमण दर पांच फीसद से अधिक है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, केरल और गुजरात कोरोना के मामलों में वृद्धि को देखते हुए चिंता वाले राज्यों के रूप में उभर रहे हैं।