कांग्रेस का मुखिया बनने के बाद से पार्टी को सत्ता में वापस पहुंचाने के लिए राहुल गांधी किस कदर जोर आजमाइश कर रहे हैं इसकी बानगी पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव प्रचार के उनके आंकड़ों से झलकती है। उन्होंने धुआंधर प्रचार करते हुए सभी पांच चुनावी राज्यों में कुल 82 जनसभाएं की हैं जबकि सात रोड शो करके भी पार्टी के लिए वोट मांगे। कांग्रेस से प्राप्त आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम विधानसभाओं के लिए चुनाव कराए जाने की घोषणा के बाद 7 अक्तूबर से लेकर बुधवार को राजस्थान और तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव प्रचार संपन्न होने तक कांग्रेस अध्यक्ष ने इन सभी पांच राज्यों को मिलाकर कुल 89 सियासी जलसों में हिस्सा लिया। उन्होंने 82 जनसभाएं की और सात रोड शो किए। उन्होंने सबसे ज्यादा 25 जनसभाएं और चार रोड शो मध्यप्रदेश में किए जबकि छत्तीसगढ़ में उन्होंने 19 जनसभाओं को संबोधित किया और एक रोड शो में शामिल हुए। इसी प्रकार राजस्थान में भी उन्होंने 19 चुनावी रैलियों को संबोधित किया जबकि सूबे में उनके दो रोड शो भी हुए।
तेलंगाना में उन्होंने कोई रोड शो नहीं किया, अलबत्ता यहां भी उनकी 17 जनसभाएं हुर्इं। मिजोरम में राहुल ने दो चुनावी सभाओं को संबोधित किया।
कांग्रेस की ओर से पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने भी प्रेस वार्ता कर पार्टी का पक्ष रखा तो पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी भी चुनाव मैदान में कूदीं। पार्टी के अन्य नेताओं ने भी जगह-जगह चुनाव प्रचार में हिस्सा लिया। पार्टी के मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला भी पांचों राज्यों में घूमते रहे। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा, हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर, सांसद दीपेंद्र हुड्डा, सूबे में विधायक दल की नेता किरण चौधरी सहित विभिन्न राज्यों के नेताओं ने भी अलग-अलग राज्य में चुनावी सभाएं कर कांग्रेस के लिए वोट मांगा। जिन राज्यों में चुनाव हुए वहां के तमाम नेता भी दिन रात चुनाव प्रचार में लगे रहे, लेकिन पार्टी की ओर से प्रतिद्वंद्वियों पर प्रहार की जिम्मेदारी मुख्य रूप से पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने ही संभाली।
गुजरात से लेकर कर्नाटक तक के हालिया विधानसभा चुनावों में भी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी के पक्ष में आक्रामक चुनाव प्रचार किया। पार्टी ने गुजरात में भाजपा को कड़ी टक्कर दी जबकि कर्नाटक में वह जनता दल (एस) के साथ मलिकर अपनी सत्ता को बरकरार रखने में कामयाब हो गई। पार्टी नेताओं का दावा है कि पांचों राज्यों में उसके पक्ष में जोरदार माहौल है। तीन राज्यों में मतदान हो चुके हैं और राजस्थान तथा तेलंगाना विधानसभा के लिए आगामी सात दिसंबर को वोट डाले जाएंगे। अब देखना यह है कि कांग्रेस अध्यक्ष की मेहनत इन पांच राज्यों के चुनाव में कितना रंग लाती है।