संस्कृति मंत्रालय द्वारा श्री श्री रविशंकर के समारोह विश्व संस्कृति महोत्सव को 2.25 करोड़ रुपए का अनुदान दिए जाने की जानकारी समाने आने के बाद एक बार फिर आर्ट ऑफ लिविंग का यह समारोह विवादों में घिर गया। मंत्रालय ने श्री श्री रविशंकर के फाउंडेशन आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा संचालित व्यक्ति विकास केंद्र ट्रस्ट को अनुदान दिया है। हालांकि, राज्य संस्कृति मंत्री महेश शर्मा का दावा है कि यह कोई ज्यादा बड़ा अनुदान नहीं है। वहीं कांग्रेस का कहना है कि पहले कभी भी एक समारोह के लिए मंत्रालय की ओर से इतनी बड़ी राशि नहीं दी गई।

मंत्रालय के फैसले पर सफाई देते हुए शर्मा ने बताया कि संस्कृति मंत्रालय ऐसी संस्थाओं को अनुदान देता है जो कि भारतीय विरासत और संस्कृति का राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन करती हैं। ऐसी संस्थानों को अनुदान निर्धारित करने के लिए एक कमेटी है। हम लोग अकसर ऐसे अनुदान देते रहते हैं, कई बार तो इससे भी ज्यादा होता है।

पूर्व संस्कृति मंत्री अंबिका सोनी ने कहा कि मैं 2006-09 तक संस्कृति मंत्री रहीं। मुझे याद नहीं कि हम लोगों ने किसी एक इवेंट के लिए इतना बड़ा अनुदान दिया हो। पूरे मंत्रालय का बजट ही 50 करोड़ रुपए था।

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श्री श्री आयुर्वेद और पब्‍ल‍िकेशन से जुड़ी चीजों की बिक्री के लिए एक बड़ा स्‍टॉल लगाया गया है। यह स्‍टॉल पार्किंग लॉट के करीब होगा।

सूत्रों ने पुष्टि की है कि मंत्रालय अकसर सांस्कृतिक संस्थाओं को अनुदान देता रहता है। इतनी बड़ी राशि एक समारोह के लिए देने का यह पहला मामला है। स्पीक मैके को पिछले साल 2 करोड़ रुपए दिए गए थे, लेकिन ये उनके पूरे साल के इवेंट्स के लिए थे।

कांग्रेस नेता का कहना है कि उनके कार्यकाल में कई देशों में कार्यक्रम कराए गए। लेकिन उनका बजट कभी भी ज्यादा नहीं रहा। सोनी ने साथ ही कहा कि यह मंत्रालय का विशेषाधिकार है, लेकिन मैं नहीं समझती कि तीन दिन के समारोह के लिए इतनी बड़ी राशि देना उचित है।

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