देश भर के विश्वविद्यालयों और उनसे संबद्ध कालेज और अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों में विभिन्न क्षेत्रों एवं उद्योग जगत के विशेषज्ञों की शिक्षक के तौर पर भर्ती हो सकेगी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने विश्वविद्यालयों में ‘प्रोफेसर आफ प्रैक्टिस’ के दिशानिर्देशों को मंजूरी दे दी है। यूजीसी के अधिकारियों ने आयोग की 560वीं बैठक के बाद यह जानकारी इन दिशानिर्देशों पर विभिन्न हितधारकों से प्रतिक्रियाएं भी आमंत्रित की गई है। ‘प्रोफेसर आफ प्रैक्टिस’ भर्ती के लिए संबंधित विषय/क्षेत्र में पीएचडी की उपाधि और राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) उत्तीर्ण करना आवश्यक नहीं होगा।

दिशानिर्देशों के अनुसार विश्वविद्यालय और अन्य उच्च शिक्षा संस्थान विभाग ऐसे उद्योग विशेषज्ञों की अधिकतम चार सालों के लिए निश्चित अवधि कार्यकाल के आधार पर भर्ती कर सकेंगे, जिन्होंने अपने क्षेत्र/उद्योग जगत में उल्लेखनीय योगदान किया होगा। इन क्षेत्रों में इंजीनियरिंग, विज्ञान, तकनीकी, उद्यमिता, वाणिज्य, सामाजिक विज्ञान, मीडिया, साहित्य, फाइन आर्ट्स, सिविल सेवा, सशस्त्र बल, लोक प्रशासन, कानून आदि शामिल हैं। विशेषज्ञों की अस्थायी भर्ती पहले तीन सालों के लिए होगी, इस अवधि को संस्थान की आवश्यकता के अनुसार एक साल के लिए बढ़ाया जा सकेगा।

विदेशी विद्यार्थियों के लिए 25 फीसद अतिरिक्त सीट सृजित कर सकेंगे विश्वविद्यालय

देश में विश्वविद्यालयों और उच्चतर शैक्षणिक संस्थानों के स्नातक व स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में विदेशी विद्यार्थियों के नामांकन के लिए अब 25 फीसद अतिरिक्त सीट सृजित करने की अनुमति दी जाएगी। इन विद्यार्थियों को भारत में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा नहीं देनी होगी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने यह जानकारी दी। यूजीसी की ‘भारत में स्नातक व स्नातकोत्तर कार्यक्रमों का अंतरराष्ट्रीयकरण’ विषय पर हुई बैठक में इस बारे में निर्णय लिया गया। भारतीय उच्चतर शैक्षणिक संस्थान उनकी प्रवेश पात्रता की समतुल्यता के आधार पर विदेशी विद्यार्थियों का दाखिला ले सकते हैं।

अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों के लिए अतिरिक्त सीट में विभिन्न संस्थानों के बीच या भारत सरकार एवं दूसरे देश के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) के तहत विद्यार्थी आदान-प्रदान से जुड़े अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थी शामिल नहीं होंगे। ये सीट खास तौर पर स्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रमों में दाखिला चाहने वाले अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों के लिए होंगी। इस अतिरिक्त श्रेणी की सीट के खाली रहने की स्थिति में इन्हें किसी दूसरी श्रेणी के अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थी को आबंटित नहीं किया जाएगा। इस संदर्भ में अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थी वे होंगे जो विदेशी पासपोर्ट धारक होंगे।

दिल्ली विश्वविद्यालय में जल्द शुरू होगी स्नातक पाठ्यक्रमों के दाखिले की प्रक्रिया

दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में स्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिला प्रक्रिया जल्द शुरू हो सकती है। दिल्ली विश्वविद्यालय ने विद्यार्थियों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि वे 31 अगस्त तक डीयू में प्रवेश के लिए उनके दस्तावेज और प्रमाण पत्र तैयार कर लें। हालांकि अभी तक विश्वविद्यालय ने प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने के लिए किसी अंतिम तिथि और समय की घोषणा नहीं की है। हालांकि इससे पहले घोषणा की गई थी कि इस बार सीयूईटी स्नातक परीक्षा स्थगित होने के कारण प्रवेश में देरी होगी। उम्मीद है कि सितंबर से डीयू में दाखिले शुरू होंगे।

एनआइओएस ने घोषित कीं प्रायोगिक परीक्षाओं की तिथियां

राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआइओएस) ने दसवीं और बारहवीं के विद्यार्थियों के लिए आयोजित की जाने वालीं प्रायोगिक परीक्षाओं की तारीखों का एलान कर दिया है। दोनों कक्षाओं प्रायोगिक परीक्षाएं 16 सितंबर से आयोजित की जाएंगी। दोनों ही कक्षाओं की प्रायोगिक परीक्षाएं एक अक्तूबर तक विषयवार घोषित तारीखों के अनुसार आयोजित की जाएंगी। विद्यार्थी एनआइओएस की आधिकारिक वेबसाइट पर दिए गए लिंक पर जाकर विषयवार प्रायोगिक परीक्षा कार्यक्रम देख और डाउनलोड कर सकते हैं।