ग्रुप कैप्टन सुभांशु शुक्ला राकेश शर्मा के बाद अंतरिम में जाने वाले दूसरे भारतीय बन सकते हैं। राकेश शर्मा करीब चालीस साल पहले अंतरिक्ष में भेजे गए थे। ISRO ने इस साल अक्टूबर के बाद होने वाले इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए ISRO-NASA के पहले मिशन के लिए ग्रुप कैप्टन सुभांशु शुक्ला को ‘प्राइम’ एस्ट्रोनॉट नॉमिनेट किया है। अगर ऐसा होता है तो ग्रुप कैप्टन सुभांशु शुक्ला संभवतः 40 सालों में स्पेस में जाने वाले पहले भारतीय बन जाएंगे।

ISRO ने शुक्रवार को जानकारी दी कि उसकी तरफ से सुभांशु शुक्ला (39) और ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर (48) को एक्सिओम-4 मिशन के लिए चुना गया है। ग्रुप कैप्टन सुभांशु शुक्ला को ‘प्राइम’ एस्ट्रोनॉट नॉमिनेट किया है, जिसका मतलब है कि वह इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर जाने वाले व्यक्ति होंगे। ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर इस मिशन के लिए बैकअप हैं। अगर सुभांशु शुक्ला किसी वजह से स्पेस में नहीं जा पाते हैं तो वो प्रशांत बालकृष्णन नायर इस काम को संभालेंगे।

राकेश शर्मा 1984 में अंतरिक्ष में गए थे

अभी तक सिर्फ राकेश शर्मा अंतरिक्ष में गए हैं। वह साल 1984 में सोवियस के स्पेस क्रॉफ्ट में सवार होकर स्पेस मिशन पर गए थे। उस समय राकेश शर्मा विंग कमांडर थे। इसरो द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, सुभांशु शुक्ला और प्रशांत बालकृष्णन नायर भारत के पहले मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन- गगनयान- के लिए चुने गए इंडियन एयरफोर्स के अधिकारियों में शामिल हैं। गंगनयान अगले साल अंतरिक्ष में जा सकता है। गगनयान के लिए सिलेक्ट किए गए चारों अधिकारियों ने मिशन के लिए कठिन ट्रेनिंग ली है।

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प्राइवेट कंपनी का मिशन है Axiom-4

Axiom-4 प्राइवेट स्पेस कंपनी Axiom Space का नासा के साथ चौथा मिशन है। इस मिशन के तहत स्पेसक्रॉफ्ट स्पेस एक्स रॉकेट के जरिए लॉन्च किया जाएगा। सुभांशु शुक्ला के अलावा जो तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री मिशन पर जा रहे हैं, वे पोलैंड, हंगरी और अमेरिका के हैं। ये तीनों ही इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की यात्रा करेंगे। इस मिशन में भारत की साझेदारी पिछले साल पीएम नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान नई दिल्ली और वाशिंगटन का हिस्सा है। 

Axiom-4 स्पेसकॉफ्ट इंटरनेशन स्पेस स्टेशन के साथ 14 डॉक पर रहेगा। यह स्पेस कॉफ्ट अंतरिक्ष यात्रियों के अलावा इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए कार्गो और सप्लाई भी ले जाएगा। हालांकि अभी तक इसकी वास्तविक लॉन्च डेट की जानकारी नहीं है। नासा ने अपनी वेबसाइट पर कहा है कि यह मिशन अक्टूबर 2024 से पहले निर्धारित नहीं किया गया है। पोलैंड की स्पेस एजेंसी POLSA के अनुसार, यह मिशन अगले साल स्पेस में जाएगा।

कौन हैं सुभांशु शुक्ला?

ग्रुप कैप्टन सुभांशु शुक्ला (39) यूपी के लखनऊ से संबंध रखते हैं। वह 2006 से भारतीय वायुसेना में काम कर रहे हैं और उनके पास 2000  घंटों से ज्यादा का फ्लाईं एक्सपीरिंयस है। उन्होंने सुखोई-30, मिग-21, जगुआर, हॉक, डोर्नियर और AN-32 जैसे कई एयरक्रॉफ्ट उड़ाए हैं।

प्रशांत बालकृष्णन नायर एयर फ़ोर्स अकादमी में स्वॉर्ड ऑफ़ ऑनर से सम्मानित किया गया है। उन्हें 1998 में भारतीय वायुसेना में कमीशन दिया गया था। वे श्रेणी ए के फ़्लाइंग इंस्ट्रक्टर और टेस्ट पायलट हैं, जिन्हें 3000 घंटे से ज़्यादा उड़ान का अनुभव है। वे यूनाइटेड स्टेट्स स्टाफ़ कॉलेज के पूर्व छात्र हैं और सुखोई-30 स्क्वाड्रन की कमान संभाल चुके हैं।