समाजवादी पार्टी के नेता और कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव ने यूपी सरकार पर आरोप लगाया है कि वह अपनी जिम्मेदारियों से बचने में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए हाथरस भगदड़ कांड में ऐसे लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेज रही है, जिनका इस घटना से कोई वास्ता ही नहीं है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में एक ग्रामीण युवक के भेजे गये पत्र का स्क्रीनशाट शेयर किया है। उसमें युवक ने अपने पिता को जेल से निकालने में मदद करने की गुहार लगाई है। युवक का आरोप है कि उसके पिता को पुलिस वाले पूछताछ के लिए ले गये थे, लेकिन बाद में जेल भेज दिये। जबकि उसके पिता को घटना की जानकारी भी नहीं थी।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा- ऐसी गिरफ्तारियों की हो न्यायिक जांच
अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि इस तरह की कार्रवाई एक षडयंत्र के तहत की जा रही है। उन्होंने मांग की कि इस तरह की गिरफ्तारियों की न्यायिक जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर इसी तरह गिरफ्तारियां होती रहीं तो इसका मतलब यह निकलेगा कि ऐसे आयोजन में शासन-प्रशासन से हुई चूक से कोई सबक नहीं लिया गया और ऐसी दुर्घटनाएं भविष्य में भी दोहराई जाती रहेंगी।
अपने पोस्ट में अखिलेश यादव ने कहा कि अगर बीजेपी सरकार ये कहती है कि ऐसे आयोजन से उसका कोई लेना-देना नहीं था, तो फिर बीजेपी सरकार को सत्ता में रहने का कोई हक नहीं। इस कार्यक्रम में आये अधिकतर गरीब लोग दुखी, शोषित, पीड़ित, वंचित, दमित थे, इस आधार पर इसका मतलब तो ये भी निकलता है कि ऐसे लोगों से बीजेपी सरकार का कोई सरोकार नहीं है। जबकि सबसे पहले सरकार का ध्यान ऐसे लोगों की तरफ ही जाना चाहिए।
अखिलेश यादव के पास जिस युवक ने पत्र भेजा है, उसने लिखा है कि उसके पिता को मैनपुरी पुलिस यह कहकर ले गई थी कि 2 घंटे पूछताछ करके छोड़ देगी। अभी तक उनका कुछ अता पता नहीं है। उसको मीडिया से पता चला कि मैनपुरी पुलिस ने उनको हाथरस पुलिस को सौंप दिया। और हाथरस पुलिस ने उनको जेल भेज दिया।
युवक का यह भी कहना है कि घटना के दिन उसके पिता दो किमी दूर थे और बाद में वह बस से घर पहुंच गये तब उन्हें भगदड़ होने और लोगों के मरने की जानकारी मिली।