महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव होने के बाद अब विपक्षी ‘इंडिया गठबंधन’ के भीतर सबकुछ ठीक नहीं चलने की खबरें सामने आ रही हैं। महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी (सपा) ने एमवीए से खुद को अलग कर लिया है। वहीं तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ममता बनर्जी के ताजा बयानों और गठबंधन संभालने की इच्छा के संकेत के बाद यह चर्चा और ज़ोर पकड़ने लगी है। हरियाणा, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में हार के बाद कई दल समीक्षा को लेकर मांगे करने लगे हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की नेता ममता बनर्जी ने शुक्रवार को ब्लॉक के कामकाज से असंतोष व्यक्त किया और संकेत दिया कि अगर उन्हें मौका मिला तो वह गठबंधन का नेतृत्व करने की इच्छा रखती हैं।

क्या बिखर जाएगा इंडिया गठबंधन?

महाराष्ट्र में शनिवार को समाजवादी पार्टी (सपा) द्वारा महा विकास अघाड़ी (एमवीए) छोड़ने के बाद तनाव बढ़ गया है। शिवसेना (यूबीटी) के एक नेता ने बाबरी मस्जिद के विध्वंस की प्रशंसा की थी, जिसके बाद सपा महाराष्ट्र के अध्यक्ष अबू आसिम आजमी ने गठबंधन से अलग हो जाने की बात कही। इसके अलावा गठबंधन में शामिल पार्टियां कांग्रेस के “प्रभुत्व” को लेकर चिंता जता रही हैं और उससे अधिक समावेशी दृष्टिकोण अपनाने की मांग कर रही हैं। खास तौर पर हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनावों में कांग्रेस को अप्रत्याशित हार का सामना करना पड़ा है।

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ममता बनर्जी ने दावा किया है कि वह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के रूप में अपनी भूमिका और विपक्षी मोर्चे का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी दोनों को संभाल सकती हैं। कांग्रेस को अडानी और किसानों की समस्याओं के विरोध सहित प्रमुख मुद्दों पर संसद में अलग-थलग होना पड़ रहा है, कुछ सहयोगी दलों ने इससे दूर रहने का विकल्प चुना है। कांग्रेस के भीतर राहुल गांधी के नेतृत्व को लेकर भी संदेह जताया जा रहा है। ऐसे में अगर कांग्रेस विपक्षी दलों के साथ तालमेल नहीं बैठा पाती है तो इंडिया गठबंधन में दरारें और ज़्यादा बढ़ सकती हैं। यहां पढ़ें