INDIA Alliance Maharashtra Polls 2024: महाराष्ट्र में मिली करारी हार के बाद इंडिया गठबंधन के अंदर उथल-पुथल शुरू हो गई है। चुनाव नतीजों के बाद टीएमसी की ओर से यह मांग उठाई गई कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इंडिया गठबंधन का नेता चुना जाना चाहिए। अब समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद जावेद अली खान ने कहा है कि इंडिया गठबंधन को अपनी रणनीति पर विचार करना चाहिए। खान ने गठबंधन को लेकर कई गंभीर सवाल भी खड़े कर दिए हैं।
बताना होगा कि इंडिया गठबंधन झारखंड में तो कामयाबी हासिल कर सका है लेकिन कांग्रेस की अगुवाई में जब उसने महाराष्ट्र में चुनाव लड़ा तो यहां वह औंधे मुंह गिर गया। महाराष्ट्र में इतनी खराब हार की कल्पना इंडिया गठबंधन में शामिल दलों ने कभी नहीं की थी।
इससे पहले हरियाणा के विधानसभा चुनाव में जब कांग्रेस की जीत सुनिश्चित मानी जा रही थी तब भी पार्टी इस राज्य में सरकार नहीं बना सकी थी। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में कुछ और विरोधी सुर इंडिया गठबंधन के भीतर उठ सकते हैं।
यह किस बात का गठबंधन है?
सपा सांसद जावेद अली खान ने द इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत में तमाम सवालों के जवाब दिए। जब खान से पूछा गया कि हरियाणा और महाराष्ट्र में मिली हार के बाद इंडिया गठबंधन में कांग्रेस की भूमिका को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं तो उन्होंने जवाब दिया कि पूरे इंडिया गठबंधन को अपनी रणनीति पर फिर से विचार करना चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या इंडिया गठबंधन सिर्फ मीडिया में है या कहीं जमीन पर भी है?
राज्यसभा सांसद जावेद अली खान ने कहा कि अगर गठबंधन के साथियों को सही सम्मान और हिस्सेदारी नहीं दी जाती है तो फिर इस गठबंधन का क्या मतलब है। अगर कोई कॉमन एजेंडा ही नहीं है तो यह किस बात का गठबंधन है। उन्होंने पूछा कि क्या इंडिया गठबंधन सिर्फ सीटों के बंटवारे के लिए ही बना हुआ है या यह कोई राजनीतिक-वैचारिक गठबंधन है। उन्होंने पूछा कि इस बारे में हमें नए सिरे से सोचना चाहिए।
सपा सांसद जावेद अली खान पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव के साथ लंबे वक्त तक काम कर चुके हैं।
जावेद अली खान सपा के बड़े मुस्लिम चेहरे हैं और उनके द्वारा इस तरह का बयान दिया जाना निश्चित रूप से गंभीर है। याद दिलाना होगा कि उत्तर प्रदेश में नौ विधानसभा सीटों के लिए हुए उपचुनाव में सीट बंटवारे के दौरान सपा और कांग्रेस के बीच काफी तनातनी देखने को मिली थी। कांग्रेस कम से कम चार सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती थी लेकिन इन दोनों दलों के बीच बात नहीं बनी और अंत में सपा ने सभी सीटों पर चुनाव लड़ा।
9 में से 7 सीटें जीता एनडीए गठबंधन
इस उपचुनाव के नतीजे सपा के लिए खराब रहे। 9 में से 7 सीटों पर एनडीए गठबंधन को जीत मिली। इसमें से भी 6 सीटों पर बीजेपी को जीत हासिल हुई है। सपा सिर्फ दो सीटों- करहल और सीसामऊ में जीत दर्ज कर पाई।
उपचुनाव के नतीजों को लेकर सपा सांसद का कहना है कि उपचुनाव के दौरान सरकारी मशीनरी का बड़े पैमाने पर दुरूपयोग हुआ है। उन्होंने कहा कि यह जीत बीजेपी की नकली जीत है और कुंदरकी विधानसभा सीट में जहां 65% मुस्लिम मतदाता हैं, वहां कई लोग अपना वोट नहीं डाल सके। सपा सांसद ने कहा कि फर्जी मतदान में पुलिस, प्रशासन और आरएसएस के कार्यकर्ता शामिल हैं।
पहले ममता बनर्जी की पार्टी और अब अखिलेश यादव के दल की ओर से जिस तरह के सवाल उठाए गए हैं, उससे कांग्रेस के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
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