उत्तर प्रदेश के डीजीपी मुकुल गोयल उनके पद से हटाकर यह चार्ज देवेंद्र सिंह चौहान को सौंपा गया है। सामने आई जानकारी के अनुसार मुकुल गोयल को शासकीय कार्यों की अवहेलना करने, विभागीय कार्यों में रुचि नहीं लेने के चलते डीजीपी पद से हटाया गया। इसको लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक ट्वीट से योगी सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाया है।
15 मई को अपने एक ट्वीट में अखिलेश यादव ने लिखा कि जिस कारण को बताकर यूपी के डीजीपी मुकुल गोयल को पद से हटाया गया वो बेहद ही बचकाना है। इसके चलते पुलिस का मनोबल गिरा है। उन्होंने सवाल किया कि मुकुल गोयल की नियुक्ति के समय उनकी योग्यता परखी नहीं गई थी क्या?
ट्वीट में अखिलेश यादव ने लिखा, “यूपी के डीजीपी को ये आरोप लगाकर हटाना कि वो शासकीय कार्य की अवहेलना करते थे, विभागीय कार्य में रुचि न लेते थे व अकर्मण्य थे, बेहद बचकाने बहाने हैं। इससे पुलिस बल का मनोबल गिरा है। क्या उनकी नियुक्ति के समय उनकी योग्यता की जाँच नहीं की गयी थी, ऐसे में उनका चयन करने वाले भी दोषी हुए।”
बता दें कि मुकुल गोयल 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। उन्होंने अपने लंबे करियर में कई अहम पदों पर जिम्मेदारी निभाई है। मुकुल गोयल 22 फरवरी 1964 को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में जन्में और आईआईटी दिल्ली से इलेक्ट्रिकल में बीटेक किया। इसके अलावा उन्होंने मैनेजमेंट में एमबीए की डिग्री भी हासिल की। हिंदी और अंग्रेजी के अलावा उन्हें फ्रेंच भाषा पर भी अच्छी तरह से आती है।
बता दें कि मुकुल गोयल को पद से हटाए जाने के बाद देवेंद्र सिंह चौहान ने 13 मई को यूपी डीजीपी का पदभार संभाला। इस मौके पर उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, “उत्तर प्रदेश के पुलिस बल के डीजीपी के रूप में जनता की सेवा का अवसर देने के लिये मैं माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। यूपी पुलिस एक परिवार की भांति टीम भावना बनाये रखते हुए शासन की प्राथमिकताओं के अनुसार पूर्ण निष्ठा एवं ईमानदारी से कार्य करेगी।”