कर्नाटक के बीजेपी विधायक जी. जनार्दन रेड्डी ने तमिलनाडु के तिरुवल्लूर से कांग्रेस के सांसद शशिकांत सेंथिल पर नए सिरे से हमला बोलते हुए उन पर दक्षिण कन्नड़ जिले में स्थित कस्बे धर्मस्थल के खिलाफ किए जा रहे दुष्प्रचार का मास्टरमाइंड होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कर्नाटक कैडर के पूर्व भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी सेंथिल को चुनौती दी कि अगर सामूहिक रूप से लाशों को दफनाने से जुड़े दुष्प्रचार से कोई संबंध नहीं होता है, तो उन्हें जांच का सामना करना होगा।
कर्नाटक सरकार ने पिछले दो दशकों में धर्मस्थल में कई हत्याओं, बलात्कारों और अवैध तरीके से लाशों को दफनाने के आरोपों के बाद एक विशेष जांच दल का गठन किया था। मामले में शिकायतकर्ता एक पूर्व सफाई कर्मचारी है, जिसकी पहचान उजागर नहीं की गई है। शिकायतकर्ता ने दावा किया कि वह 1995 से 2014 के बीच धर्मस्थल में कार्यरत था।
दो स्थानों पर मिले हैं हड्डियां और कंकाल
उसने आरोप लगाया कि उसे कई शवों को दफनाने के लिए मजबूर किया गया था – जिनमें महिलाओं और नाबालिगों के शव भी शामिल थे। शिकायतकर्ता का दावा है कि इनमें से कुछ के शवों पर यौन उत्पीड़न के निशान थे। कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर के अनुसार, दो स्थानों पर हड्डियां और कंकाल मिले हैं और पुलिस फोरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।
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बुधवार को यहां पत्रकारों से बात करते हुए, रेड्डी ने दावा किया था कि सेंथिल धर्मस्थल को बदनाम करने के दुष्प्रचार के मास्टरमाइंड हैं। रेड्डी ने कहा, ‘मेरे आरोप लगाने के बाद सेंथिल ने आज नयी दिल्ली में बयान दिया कि जब वह बेल्लारी में सहायक आयुक्त के पद पर कार्यरत थे, तो उन्होंने मुझसे संबंधित कुछ मामलों के समर्थन में रिकॉर्ड उपलब्ध कराए थे।’ सेंथिल पर एक बार फिर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए भाजपा विधायक ने कहा कि जब खनन से संबंधित मामले में उनके (रेड्डी) खिलाफ मुकदमे शुरू हुए थे तब सेंथिल सहायक आयुक्त नहीं थे। रेड्डी ने कहा, ‘मुझे पांच सितंबर, 2011 को गिरफ्तार किया गया था। मेरी गिरफ्तारी के बाद, उन्हें (सेंथिल को) बेल्लारी में तैनात किया गया। मेरे और सेंथिल के बीच कोई संबंध नहीं है।’