नगा शांति समझौते को लेकर आज एक विवाद खड़ा हो गया और सोनिया गांधी ने नरेंद्र मोदी सरकार पर कांग्रेस से संबद्ध पूर्वोत्तर राज्यों के तीन मुख्यमंत्रियों को विश्वास में नहीं लेकर उन्हें ‘अपमानित’ करने का आरोप लगाया।

लोकसभा में कांग्रेस के 25 सांसदों को निलंबित किये जाने से पहले से ही खिन्न सोनिया गांधी ने नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ आज एक नया मोर्चा खोलते हुए उसे ‘अहंकारी’ करार दिया और कहा कि सरकार ने इस समझौते के बारे में अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और असम के मुख्यमंत्रियों को जानकारी नहीं दी जबकि ये तीनों राज्य इससे सीधे प्रभावित हो रहे हैं।

सोनिया ने कहा, ‘‘यह सरकार सबको साथ लेकर चलने की बात करती है और यह भी कहती है कि वह सबसे विचार विमर्श करेगी, मुख्यमंत्रियों से राय लेने की बात करती है। तब क्या हुआ? यह अहंकार इससे पहले से ही पूरी तरह से स्पष्ट है। और यह न केवल इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों का अपमान है बल्कि हमारे देश के संघीय स्वरूप के खिलाफ भी है।’’

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जब उन्होंने पूर्वोत्तर के तीन राज्यों के मुख्यमंत्रियों से इस बारे में बात की तो उन्हें इसके बारे में कुछ पता ही नहीं था जो इस समझौते से सीधे प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘किसी ने उन्हें इसकी जानकारी देने की जरूरत नहीं समझी, विस्तार में नहीं तो मोटे तौर पर ही सही। हमारे मुख्यमंत्री इससे सीधे प्रभावित हो रहे हैं, चाहे मणिपुर हो, अरुणाचल प्रदेश या असम हो। तब इसका मैं क्या अर्थ निकालूं? इससे मैं समझती हूं कि यह सरकार अहंकारी है।’’

सोनिया ने कहा कि पूर्वोत्तर के इन मुख्यमंत्रियों के साथ इस विषय पर विचार विमर्श नहीं किया गया और यह सरकार के ‘अहंकार’को दर्शाता है।

सरकार ने 3 अगस्त को एक अहम नगा संगठन एनएससीएन (आईएम) के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किया है जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य में शांति के लिए ‘ऐतिहासिक’करार दिया है। हालांकि समझौता का ब्यौरा सार्वजनिक नहीं किया गया और इस बारे में कुछ वर्ग आशंका भी व्यक्त कर रहे हैं।

नगा शांति समझौता होने से पहले 80 दौर की वार्ता हुई और 1997 में इस बारे में पहली कामयाबी तब मिली जब संघर्षविराम समझौता हुआ।

नेशनल सोसलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड (आईएम) सबसे बड़ा व्रिदोही गुट है जो संघर्षविराम पर कायम है जबकि एक अन्य गुट एस एस खपलांग हिंसक गतिविधियों में लगा हुआ है। समझा जाता है कि जून में मणिपुर में सेना के काफिले पर हमले में इसी गुट का हाथा है जिसमें 18 जवाब शहीद हो गए थे।

राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने जो विषय उठाया, वह ज्यादा महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी आवाज संसद में दबायी जा रही है। तीन राज्यों मणिपुर, असम, अरुणाचल प्रदेश की आवाज दबायी जा रही है। यह तीन राज्यों के लोगों का आपमान है कि उनके मुख्यमंत्रियों से सलाह नहीं की गई।’’

कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, ‘‘यह तीन राज्यों के प्रत्येक नागरिकों का अपमान है और यह सरकार जिस तरीके से काम कर रही है, वह देश के लोगों का आपमान है।’’

उल्लेखनीय है कि करीब दो दशकों तक चली शांति वार्ता के बाद समझौते पर हस्ताक्षर किये गए हैं। कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों में असम के तरुण गोगोई और अरुणाचल प्रदेश के नबाम तुकी ने समझौते का स्वागत किया है। नगा शांति समझौते का स्वागत करते हुए गोगोई ने आश्चर्य व्यक्त किया कि समझौते के उपबंधों को उजागर क्यों नहीं किया गया।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘हमें नगा समझौते के सही तथ्यों की जानकारी नहीं है। इसलिए हम इस पर अपना विचार नहीं व्यक्त कर सकते। प्रधानमंत्री ने मुझसे और कुछ अन्य नेताओं से बात की और कहा कि उनके पास अच्छी खबर है। नगा मुद्दा जो 20 वर्षो से जारी था, उसे अब सुलझा लिया गया है। मैंने उन्हें (मोदी) बधाई दी।’’

सोनिया ने कहा, ‘‘इसके बाद जब मैंने हमारे मुख्यमंत्रियों से बात की, जो इससे सीधे प्रभावित हो रहे हैं और इसके बारे में पूछा, तब उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी।’’

मोदी सरकार के खिलाफ एक और मोर्चा खोलते हुए कांग्रेस नेता सोनिया और राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि तीन राज्यों मणिपुर, असम, अरूणाचल प्रदेश की आवाज दबायी जा रही है।

कांग्रेस के 25 सदस्यों को लोकसभा से निलंबित किये जाने के खिलाफ सोनिया और राहुल संसद भवन परिसर में अन्य पार्टी सांसदों और कुछ अन्य दलों के नेताओं के साथ धरना दे रहे हैं।