कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी को लेकर लंबे वक्त से खबरें थीं कि वे इस बार लोकसभा के बजाए राज्यसभा से संसद में जाएंगी। अब खबरे हैं कि सोनिया गांधी कल यानी बुधवार को राज्यसभा के लिए अपना नामांकन करने वाली हैं। हालांकि अभी तक यह नहीं पता चला है कि वे राजस्थान से नामांकन भरेंगी या फिर तेलंगाना या हिमाचल से, लेकिन सूत्र बता रहे हैं कि सोनिया गांधी राजस्थान से राज्यसभा जा सकती हैं।

पिछले काफी दिनों से यह खबरें चल रही थी कि सोनिया गांधी अब उम्र के इस पड़ाव में लोकसभा चुनाव में नहीं उतरेंगी बल्कि राज्यसभा के रास्ते संसद जाएंगी। सोनिया गांधी को राज्यसभा चुनाव लड़ने के लिए हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और तेलंगाना जैसे राज्यों से प्रस्ताव भी मिले थे। दूसरी ओर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाधी वाड्रा अब आम चुनाव के दौरान रायबरेली से सियासी रण में उतर सकती हैं।

कांग्रेस नेता और वायनाड से लोकसभा सांसद राहुल गांधी आज अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के तहत झारखंड क अंबिकापुर में थे लेकिन वे अचानक अपनी यात्रा पर एक दिन का ब्रेक लगाकर दिल्ली आ गए हैं। माना जा रहा है कि सोनिया गांधी के नामांकन के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी मौजूद रहेंगे।

प्रियंका गांधी को मिल सकती है रायबरेली सीट

गौरतलब है कि सोनिया गांधी उत्तर प्रदेश के रायबरेली संसदीय क्षेत्र से लगातार सांसद रही हैं लेकिन अब उनकी उम्र ज्यादा हो गई है इसलिए वे राज्यसभा के जरिए संसद जाएंगी। कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि इसके जरिए कांग्रेस की प्लानिंग पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को रायबरेली से लोकसभा चुनाव में उतारने की है। एक अहम बात यह भी है कि राहुल गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान अमेठी के अलावा वायनाड से भी चुनाव लड़ा था। उनके इस फैसले की खूब आलोचना हुई थी।

इंदिरा गांधी भी रही थीं राज्यसभा से सांसद

सोनिया 1999 में पहली बार अमेठी से सांसद बनीं थी। इस सीट से पहले राजीव गांधी चुनाव लड़ते थे। वहीं यह अमेठी सीट राहुल गांधी के पास चली गई थी। सोनिया गांधी रायबरेली चली गईं। सोनिया राज्यसभा के जरिए संसद में जाने वाली दूसरी सदस्य होंगी। इसके पहले पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी 1964 से 1967 तक राज्यसभा में रही थीं।

गांधी परिवार के लिए अहम रहा है दक्षिण भारत

जब भी गांधी परिवार के लिए मुश्किल सियासी समय आया तो दक्षिण भारत उनके लिए राहत की वजह बनता रहा है। संभवतः इसी लिए सोनिया गांधी ने राज्यसभा का रास्ता अपनाया है। इंदिरा गांधी ने 1978 में चिक्कमगलुरु से लोकसभा उपचुनाव लड़ने के लिए कर्नाटक का रुख किया और अपने जनता पार्टी के प्रतिद्वंद्वी वीरेंद्र पाटिल को हराया था। इसके बाद 1980 में इंदिरा ने अविभाजित आंध्र प्रदेश के मेडक और यूपी के रायबरेली से चुनाव लड़ा था। इस दौरान उन्हें दोनों ही सीटों पर जीत मिली थी। इसी का नतीजा है कि जब 1999 में सोनिया ने राजनीति में उतरने का फैसला किया तो उन्होंने कर्नाटक की बेल्लारी विधानसभा सीट चुनी थी।