समाजवादी पार्टी के दिग्गज आजम खान की असेंबली की सदस्यता जाने के बाद उनके बेटे अब्दुल्ला आजम के बेटे की विधायकी पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा के अधिकारियों का कहना है कि वो अब्दुल्ला आजम को दो साल कैद की सजा सुनाने वाले मुरादाबाद अदालत के फैसले की प्रति का इंतजार कर रहे हैं। इसके आधार पर स्वार सीट रिक्त घोषित करने का फैसला होगा।

अब्दुल्ला आज़म को अगर विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित किया जाता है तो वह अपने पिता आजम खान की श्रेणी में शामिल हो जाएंगे। उन्हें अक्टूबर 2022 में असेंबली से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम कहता है कि दो साल या उससे अधिक की सजा पाने वाले किसी भी व्यक्ति को ऐसी सजा की तारीख से अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा। वो छह साल के लिए अयोग्य रहेंगे। उनके पास हाईकोर्ट में अपील करने के लिए 60 दिनों का समय होगा।

15 साल पुराने मामले में पिता-पुत्र को मिली सजा

मुरादाबाद की एक विशेष अदालत ने सोमवार को 15 साल पुराने मामले में सपा महासचिव आजम खान और उनके विधायक पुत्र अब्दुल्ला आजम को दो साल की सजा सुनाई थी। फैसले के बाद अदालत ने आजम खान और अब्दुल्ला आजम को जमानत दे दी थी। जांच के दौरान पुलिस से हुए विवाद में आजम खान समेत नौ लोगों के खिलाफ दर्ज एक मामले में यहां की सांसद-विधायक अदालत ने उन पर तीन-तीन हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था।

हरिद्वार राजमार्ग पर आजम ने दिया था धरना

पुलिस के अनुसार 31 दिसंबर 2007 की रात उत्तर प्रदेश के रामपुर स्थित सीआरपीएफ कैंप सेंटर पर आतंकी हमला हुआ था। उसके बाद पुलिस वाहनों जांच कर रही थी। जनवरी 2008 को आजम खान अपना काफिला रोके जाने को लेकर उग्र हो गए। वह हरिद्वार राजमार्ग पर धरने पर बैठ गए। आसपास के जिलों से भी सपा नेता के समर्थन में मौके पर लोग वहां पहुंच गए थे, जिससे हरिद्वार मार्ग पर जाम लग गया। छजलैट पुलिस ने आजम खान समेत नौ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। \

अब्‍दुल्‍ला आजम खान पिछले वर्ष विधानसभा चुनाव में रामपुर जिले के स्वार विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतकर आए हैं। अक्टूबर 2022 में, उत्तर प्रदेश विधान सभा सचिवालय ने आजम खान को सदन से अयोग्य घोषित करने का ऐलान किया था, क्योंकि एक अदालत ने उन्हें अभद्र भाषा के मामले में तीन साल की जेल की सजा सुनाई थी।