गिरफ्तारी से करीब सप्ताह भर से बचते फिर रहे आम आदमी पार्टी के विवादित विधायक सोमनाथ भारती ने सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के कुछ घंटों बाद सोमवार रात पुलिस के सामने समर्पण कर दिया। भारती की पत्नी ने उनके खिलाफ घरेलू हिंसा और हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कराया है।
भारती अपने वकीलों के साथ उत्तरी द्वारका थाने पहुंचे। उनकी कार रात करीब 10:10 बजे थाने पहुंची। उन्होंने पुलिस के समक्ष खुद को पेश किया। मौके पर मीडियाकर्मियों के सामने भारती ने कार में बैठे-बैठे भारतीय संविधान की एक प्रति लहराई जो उन्होंने अपने साथ ले रखी थी। भारती ने कहा, ‘वारंट जारी था और मैं माननीय सुप्रीम कोर्ट की ओर से मुझे समर्पण का आदेश देने तक कानूनी उपायों की मदद ले रहा था। आदेश का पालन करते हुए मैं यहां समर्पण करने आया हूं।’
उन्होंने कहा, ‘मैं कानून से भाग नहीं रहा था। मैं भारत के संविधान में दिए गए कानूनी उपायों की मदद ले रहा था।’ भारती को कार से निकलने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा और किसी पुलिसकर्मी ने उनको मदद की पेशकश नहीं की। समर्पण करने से कुछ देर पहले भारती ने कहा, ‘यह भी बीत जाएगा और सच सामने आएगा।’
भारती के एक वकील ने कहा कि विधायक के पिता बीमार थे और इसलिए वह शाम तक समर्पण नहीं कर सके जैसा कि न्यायालय ने आदेश दिया था। उन्होंने कहा कि भारती पुलिस से भाग नहीं कर रहे हैं, बल्कि उससे बच रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट से भारती को राहत नहीं मिलने के कुछ देर बाद आप नेताओं ने पार्टी और खुद को ‘और शर्मिंदगी’ से बचाने के लिए उनसे तुरंत समर्पण करने के लिए कहा।
इससे पहले प्रधान न्यायाधीश एच एल दत्तू और न्यायमूर्ति अमिताव रॉय के पीठ ने मामले की सुनवाई गुरुवार के लिए स्थगित करते हुए कहा कि उन्हें शाम तक पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया जाता है। पीठ ने पूर्व कानून मंत्री की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल सुब्रमण्यम का यह अनुरोध अस्वीकार कर दिया कि भारती को आत्मसमर्पण के लिए मंगलवार तक का समय दिया जाए।
पीठ ने इस अनुरोध को भी अस्वीकार कर दिया था कि उन्हें आत्मसमर्पण के लिए शाम सात बजे तक का समय दिया जाए। पीठ ने कहा, ‘नहीं, हम समय नहीं देंगे। यदि आप चाहते हैं कि आपके मामले पर गुरुवार को सुनवाई हो तो आपको आज आत्मसमर्पण करना होगा।’
सुब्रमण्यम ने कहा कि यह पूरा मामला वैवाहिक विवाद का परिणाम है जिसमें न केवल दंपति बल्कि उनके दोनों बच्चे भी पीड़ित हैं। अदालत को निचली अदालत और दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा भारती की अग्रिम जमानत याचिका खारिज किए जाने के खिलाफ अपील की सुनवाई करते समय यह बात ध्यान में रखनी चाहिए।