सुरक्षा अधिकारियों में उस समय अफरा तफरी मच गई जब सोमवार (16 मई) शाम पुलिस नियंत्रण कक्ष में आई एक कॉल में राष्ट्रपति भवन को ‘उड़ाने’ की धमकी दी गई। हालांकि यह कॉल झूठी निकली। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने कहा कि जब कॉलर का पता लगाया गया तो यह सामने आया कि यह वही व्यक्ति है जिसने आधे घंटे पहले नियंत्रण कक्ष में फोन किया था और बम रखने की धमकी दी थी जो झूठी निकली थी।
नियंत्रण कक्ष में 16 मई की शाम करीब छह बजे पहली कॉल आई जिसमें कॉलर ने शहर के पूर्व पुलिस आयुक्त बीएस बस्सी का निजी नंबर मांगा था। मना किए जाने पर उसने मांग की कि उसकी सीधे बस्सी से बात कराई जाए। लेकिन जब ऑपरेटर ने ऐसा करने से इंकार कर दिया तो उसने बम रखने के बारे में धमकी दी। डीसीपी (मध्य) परमादित्य ने कहा, ‘जिस नंबर से कॉल किया गया वह नंबर मध्य दिल्ली के दरियागंज के पते पर पंजीकृत पाया गया। वहां टीमों को भेजा गया और क्षेत्र के आस पास पूरी जांच की गई लेकिन कोई बम नहीं मिला।’
इस बीच, पुलिस उस नंबर पर फोन करती रही और करीब एक घंटे बाद एक व्यक्ति ने फोन उठाया और कबूल किया कि उसकी अपनी पत्नी से बहस हुई थी और इसे लेकर वह नाराज था। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह झूठी कॉल घोषित हुई। कॉलर की अंतिम लोकेशन दक्षिण पश्चिम दिल्ली के सागरपुर क्षेत्र में पाई गई और टीमों को उसे पकड़ने के लिए भेजा गया। हालांकि तब तक उस व्यक्ति ने धमकी वाली एक अन्य कॉल कर दी।
नियंत्रण को करीब साढ़े छह बजे एक और फोन आया जिसमें राष्ट्रपति भवन उडाने की धमकी दी गई। डीसीपी (नई दिल्ली) जतिन नरवाल ने कहा, ‘कॉलर ने राष्ट्रपति भवन उड़ाने की धमकी दी। पूरी जांच की गई जिसमें कई घंटे लगे ओर यह कॉल झूठी निकली।’