मुंबई पुलिस की ओर से 2011 में गिरफ्तार किए गए 120 सोमाली जलदस्युओं ने एक प्रमुख घटनाक्रम के तहत अपने दूतावास अधिकारियों से कहा है कि वे इस मामले में अपना गुनाह कबूल करना चाहते हैं। अगर अदालत उनकी याचिका को स्वीकार कर लेती है तो जलदस्युओं को सजा सुनाई जाएगी और वे अपने देश में जेल की सजा काट सकेंगे।

एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अभियोजन पक्ष ने पिछले सप्ताह मुंबई सत्र अदालत को इस बारे में सूचित किया था। येलो गेट पुलिस थाने के एक अधिकारी ने कहा कि आरोपियों के दूतावास अधिकारियों के समक्ष अपनी इच्छा जाहिर किए जाने के बाद उन्होंने इसकी सूचना राज्य के गृह मंत्रालय को दी और हमने पिछले सप्ताह अदालत को इसके बारे में बताया। जनवरी और मार्च 2011 के बीच 120 जलदस्युओं को गिरफ्तार किया गया था। उन पर भारतीय दंड संहिता और सशस्त्र अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए थे।

15 जलदस्युओं के पहले समूह को 28 जनवरी, 2011 को पकड़ा गया था। उन्होंने प्रांतालय-14 पोत पर 20 थाई और म्यांमारी नागरिकों को बंधक बना रखा था। 6 फरवरी, 2011 को नौसेना और तटरक्षकों ने प्रांतालय-14 को रोका था और 24 थाई नागरिकों को रिहा करा कर 28 जलदस्युओं को गिरफ्तार किया था। मार्च 2011 में दो आपरेशन में दो पोतों मैगा-5 और मुर्तजा को रोक कर उनसे 77 जलदस्युओं को गिरफ्तार किया गया था। बंधक बनाए गए लोग पाकिस्तान, मोजांबिक, थाइलैंड, ईरान, म्यांमा और इंडोनेशिया के नागरिक थे। अदालत ने जनवरी 2012 में सभी जलदस्युओं के खिलाफ आरोप तय किए थे।