बॉलीवुड अभिनेत्री उर्मिला मांतोडकर ने सीएए का विरोध जताते हुए इसकी तुलना अंग्रेजी शासन में लागू किए गए कानून रॉलेक्ट एक्ट से कर दी। लेकिन इस दौरान उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध को लेकर गलत तारीख बता दी, जिस पर सोशल मीडिया यूजर उन्हें ट्रोल कर रहे हैं। यूजर्स कह रहे हैं कि क्यों इमरान खान की बहन बनना चाहती हो?
उर्मिला ने कहा, “1919 में द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद अंग्रेज जान गए कि भारत में तेजी से असंतोष बढ़ रहा है। युद्ध समाप्त होने की वजह से यह और तेजी से बढ़ सकता है। इसलिए वे रॉलेक्ट एक्ट लेकर आए। 1919 में लाया गया वह कानून और 2019 का नागरिकता संशोधन कानून दोनों को इतिहाल में काले कानून के रूप में दर्ज किया जाएगा।”
उर्मिला के इस बयान के बाद सोशल मीडिया यूजर्स उन्हें ट्रोल कर रहे हैं। टि्वटर यूजर @indiandillse ने लिखा, “कांग्रेस में कुछ दिन थे। कर दिया रोबोटिक दिमाग। हो गया इसका।” जिया @CupcakeMuffin_ ने लिखा, “इस बॉलीवुड ऑन्टी को इतिहास पढ़ाओ। क्यों इमरान खान की बहन बना चाहते हो?”
हर्षिल मेहता @MehHarshil ने लिखा, “कुछ तथ्यात्मक गलतियां। 1919 के दौरान प्रथम विश्व युद्ध समाप्त हुआ था, दूसरा नहीं। रॉलेक्ट एक्ट लागू किया गया था ताकि किसी भी भारतीय क्रांतिकारी को बिना मुकदमे और न्यायिक समीक्षा के गिरफ्तार किया जा सके। यह इतिहास कहां से पढ़ी है? बॉलीवुड?”
टि्वटर यूजर @bengali_silly ने पूछा, “मैं 1919 में द्वितीय विश्व युद्ध किसके-किसके बीच हुई थी। उर्मिला और मोहासिन अख्तर में? विजेता कौन थे?” अंकित चांद @IamAnkitChand ने लिखा, “1945 में तृतीय युद्ध खत्म हुआ था?”
टि्वटर यूजर @prettypadmaja ने लिखा, “फिल्म स्टार अपने जन्म का साल छिपाने के लिए जाने जाते हैं। उर्मिला मांतोडकर उनसे एक कदम आगे निकल गईं हैं। किसी भी तरह रॉलेक्ट एक्ट 1919 और सीएए 2019 के बीच कोई समानता नहीं है। रॉलेक्ट एक्ट 1919 की वजह से जलियांवाला बाग नरसंहार हुआ था।”

