सीताराम येचुरी (Sitaram Yechury) लगातार तीसरी बार सीपीआई (एम) के महासचिव चुने गए हैं। सीताराम येचुरी ने लगातार तीसरी बार पार्टी की कमान संभाली है। 69 वर्षीय येचुरी 2015 से महासचिव के पद पर हैं। उसके पहले, प्रकाश करात पार्टी के महासचिव थे। प्रकाश करात ने 2005 से 2015 तक महासचिव पद की जिम्मेदारी संभाली।

सीताराम येचुरी को पहली बार 2015 में पार्टी का महासचिव चुना गया था। जबकि दूसरी बार, 18 अप्रैल. 2018 को सीताराम येचुरी को एक बार फिर सीपीआई(एम) का महासचिव घोषित किया गया। महासचिव के चुनाव के लिए यह बैठक हैदराबाद में हुई थी, जहां येचुरी के नाम पर मुहर लगी थी। पार्टी में महासचिव का पद सर्वोच्च पद होता है। केरल के कन्नूर में आयोजित 23वीं पार्टी कांग्रेस के आखिरी दिन सीताराम येचुरी को लगातार तीसरी बार सीपीआई(एम) का महासचिव चुन लिया गया।

पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ नेता राम चंद्र पोलिट ब्यूरो के लिए चुने गए हैं, जो माकपा के सर्वोच्च निकाय में पहले दलित चेहरा हैं। पार्टी ने केंद्रीय समिति और पोलिट ब्यूरो के सदस्यों के लिए आयु सीमा 75 साल निर्धारित की है, उस आयु सीमा से ऊपर के नेताओं और कुछ अन्य जो इसके करीब हैं, दोनों निकायों से हटा दिया गया, जिससे पार्टी नेतृत्व में नए चेहरों को जगह मिली। एक अन्य फैसले में पार्टी ने केंद्रीय समिति का आकार 95 से घटाकर 85 कर दिया है।

नवगठित 17 सदस्यीय पोलिट ब्यूरो में दलित चेहरे के अलावा केरल के लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) के संयोजक ए विजयराघवन और अखिल भारतीय किसान सभा के अध्यक्ष अशोक धवले शामिल हैं। वहीं, उम्र की सीमा के आधार पर समिति और पोलिट ब्यूरो से बाहर किए जाने वालों में एस रामचंद्रन पिल्लई, हन्नान मुल्ला और बिमान बसु हैं।

तीसरी बार महासचिव चुने गए येचुरी

तीसरी बार पार्टी के महासचिव चुने जाने वाले सीताराम येचुरी को 2016 में राज्यसभा में सर्वश्रेष्ठ सांसद के तौर पर सम्मानित किया गया था। 1974 में येचुरी स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) में शामिल हुए थे और एक साल बाद उन्होंने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की सदस्यता ले ली थी।