Sitaram Yechury Death: देश की सियासत में वामपंथी विचारधारा का एक बड़ा नाम और सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी का आज दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया है। वे पिछले कुछ हफ्तों से सांस लेने में हो रही दिक्कतों से जुड़ी बीमारियों का सामना कर रहे थे और आज दोपहर उन्होंने आखिरी सांस ली। 72 वर्षीय दिग्गज नेता का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा और यह फैसला उनके परिवारवालों ने ही किया है।
जानकारी के मुताबिक, सीताराम येचुरी लंबे समय से बीमार थे और 23 दिन से दिल्ली के अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। आज वे मौत के आगे जिंदगी की जंग हार गए। एम्स द्वारा द्वारा बताया गया है कि येचुरी के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा, बल्कि उनकी डेड बॉडी को, उनके परिजनों द्वारा एम्स में प्रशिक्षण और रिसर्च के लिए डोनेट कर दिया गया है।
एम्स के एनाटोमी विभाग ने दी जानकारी
सीताराम येचुरी के निधन के बाद एम्स के AIIMS के एनाटोमी विभाग में सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी के शव का हो रहा सलेपन (EMBALMING) हो रहा है। यहां से थोड़ी देर में शव मोर्चरी में भेज दिया जाएगा। आज रात और कल दिनभर यहां रखने के बाद शुक्रवार की शाम शव को उनके वसंत कुंज स्थित आवास ले जाया जाएगा, जहां परिवार और रिलेटिव उनके आखिरी दर्शन करने के साथ ही उन्हें श्रद्धांजलि दे सकेंगे।
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परिवार ने डोनेट किया है पार्थिव शरीर
एम्स द्वारा जारी बयान के अनुसार 72 वर्षीय सीताराम येचुरी को निमोनिया के साथ 19 अगस्त 2024 को एम्स में भर्ती कराया गया था और 12 सितंबर 2024 को दोपहर 3:05 बजे उनका निधन हो गया था। परिवार ने उनकी बॉडी को शिक्षण और अनुसंधान उद्देश्यों के लिए एम्स दिल्ली को डोनेट कर दिया है। एम्स के सूत्रों के मुताबिक फेफड़ों में संक्रमण और मल्टी ऑर्गन फेलियोर के चलते उनका निधन हुआ है।
गौरतलब है कि सीताराम येचुरी भारत में वामपंथ के सबसे बड़े नेताओं में विख्यात थे। उन्होंने कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी का नेतृत्व ऐसे वक्त में किया जब इस पार्टी का भारतीय राजनीति में वर्चस्व कम होता चला गया। हालांकि कॉमरेड सीताराम येचुरी कहते थे कि सीपीएम का संसद और विधानसभा में भले ही प्रतिनिधित्व कम हुआ हो, लेकिन देश का एजेंडा तय करने में अभी भी सीपीएम का अहम रोल है।