देश की सबसे बड़ी और सुरक्षित जेल कही जाने वाली तिहाड़ जेल में पुलिस ने बड़ी साजिश का खुलासा किया है। महीनों तक निगरानी बिठाने के बाद पुलिस को कैदियों द्वारा कुछ अन्य कैदियों की हत्या कराने की बात का पता चला है। खुलासा हुआ है कि जिन लोगों की हत्या की साजिश रची जा रही थी, वे पूर्वोत्तर दिल्ली में पिछले साल हुई हिंसा में आरोपी थे। फिलहाल इस मामले में साजिशकर्ताओं को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है

कैसे हुआ साजिश का खुलासा?: जानकारी के मुताबिक, जनवरी में पुलिस ने तिहाड़ जेल से एक फोन कॉल इंटरसेप्ट की थी। इसमें पुलिस को जेल में बंद एक कैदी से परिवारवालों से अजीब मांग करते सुना गया था। उसने परिजनों से जेल में ‘मरकरी’ यानी ‘पारा’ पहुंचाने के लिए कहा था। इस कॉल में पुलिस को जेल के अंदर ही कुछ बड़ी साजिश का शक हुआ। इसके बाद अधिकारियों ने महीने भर लंबा ऑपरेशन चलाया और इंस्पेक्टर संजय गुप्ता के नेतृत्व में एक टीम को जांच सौंपी।

बताया गया है कि जांच के दौरान तिहाड़ के अंदर से फोन करने वाले शाहिद और उसके साथी असलम की निगरानी शुरू कर दी गई थी। शाहिद का रिकॉर्ड खंगालने पर पुलिस को पता चला कि वह एक खतरनाक अपराधी है और उसे गैंगरेप और एक महिला की हत्या के आरोप में उसके साथ के साथ 2015 में जेल भेजा गया था। अपराधियों ने अपने बच्चे और अपराध के एक प्रत्यक्षदर्शी को भी नहीं बख्शा था।

जेल के अंदर ही थी हत्या की साजिश: असलम पर निगरानी रखने के दौरान पुलिस को पता चला कि उसने कई सारे थर्मामीटर इकट्ठा कर लिए और इनके अंदर भरा मरकरी एक परफ्यूम की बोतल में इकट्ठा लिया था। जांच में असलम ने बताया कि उसे शाहिद ने मरकरी जेल के अंदर लाने के लिए कहा था, क्योंकि उसे किसी की हत्या करनी थी। हालांकि, असलम यह नहीं बता पाया कि शाहिद किसे निशाना बना रहा था।

इस्लामिक स्टेट के लोगों का भी था हाथ: पुलिस ने इसके आगे की जानकारी निकालने के लिए शाहिद को कोर्ट से रिमांड पर लिया। पूछताछ में उसने बताया कि उसका इस्लामिक स्टेट (आईएस) से जुड़े दो लोगों- अजीमुशान औऱ अब्दुस समी से संपर्क था। उसने बताया था कि इन्हीं दो लोगों ने उसे पूर्वोत्तर दिल्ली हिंसा के दौरान मस्जिद तोड़ने और मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों को मारने के कथित आरोपियों की हत्या के लिए उकसाया था। शाहिद ने बताया कि वह बहकावे में आ गया और दोनों लोगों को मारने के लिए तैयार हो गया।

पूछताछ में यह भी सामने आया कि पहले जेल में कैदियों के बीच झूठी लड़ाई करानी थी और फिर जब सभी कैदी साथ आ जाते, तब शाहिद को अपने टारगेट को मरकरी लगा देनी थी। इसकी पूरी साजिश जेल नंबर-3 में तैयार हुई थी। सूत्रों का कहना है कि इस मामले में एक तीसरे व्यक्ति के किरदार की भी बात सामने आई है, हालांकि उसकी पहचान उजागर नहीं हुई है।