ललित मोदी मामले को लेकर संसद के मानसून सत्र में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस द्वारा उठाए गए तूफान का रूख आज विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने विपक्ष की ओर मोड़ने का प्रयास करते हुए दावा किया कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया और किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी इस मामले में नहीं हुई।
सुषमा ने ललित मोदी मामले पर कांग्रेस के कार्य स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए बोफोर्स तोप सौदे में आरोपी इतालवी व्यावसायी ओत्तावियो क्वात्रोच्चि और भोपाल गैस कांड के आरोपी वारेन एंड्रसन का मुद्दा उठाते हुए मुख्य विपक्षी दल को शमि’दा करते हुए तंज पर तंज कसे और कहा कि गड़बड़ी की राजनीति तो कांग्रेस ने की थी।
उन्होंने विपक्ष के आरोपों को एक एक कर काटते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदम्बरम और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को निशाने पर ले लिया। उन्होंने दावा किया कि चिदम्बरम कांग्रेस में उस वर्ग में शामिल थे जो अपनी ‘‘निजी दुश्मनी ’’ के कारण ललित मोदी के खिलाफ कार्रवाई करना चाहते थे जिससे कि पार्टी नेतृत्व सहमत नहीं था।
विदेश मंत्री ने ब्रिटेन से ललित मोदी का प्रत्यर्पण नहीं कराने के लिए संप्रग सरकार को आरोपित किया और साथ ही कहा कि तब प्रवर्तन निदेशालय उसके खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी करने के अलावा कोई कार्रवाई करने में विफल रहा।
उन्होंने यह भी दावा किया कि ब्रिटेन में ललित मोदी को रिहायश का अधिकार दिलाने के लिए भी कांग्रेस शासन जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि चिदम्बरम ललित मोदी को भारत भेजे जाने के लिए अपने ब्र्रिटिश समकक्ष के संपर्क में तो रहे लेकिन उन्होंने कभी ब्रिटिश सरकार से उसके प्रत्यर्पण पर दबाव नहीं बनाया।
