Lok Sabha Speaker: 18वीं लोकसभा के पहले सत्र से पहले प्रोटेम स्पीकर के मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार और विपक्ष आमने-सामने हैं। सरकार ने 20 जून को कटक से भारतीय जनता पार्टी सांसद भर्तृहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया था। लेकिन इस बीच एक सबसे बड़ी चर्चा देश में यह भी है कि बीजेपी महताब को ही कहीं लोकसभा स्पीकर का पद ना दे दे। क्या आप जानते हैं कि भारत में 3 मौके ऐसे भी आए, जब प्रोटेम स्पीकर रहे शख्स को ही लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी मिल गई।
बता दें कि भारत में तीन बार ऐसा हुआ कि जब प्रोटेम स्पीकर की कुर्सी पर बैठे शख्स को ही लोकसभा अध्यक्ष बना दिया गया। इनमें गणेश वासुदेव मावलंकर, हुकुम सिंह और सोमनाथ चटर्जी का नाम शामिल है। ऐसे में अब यह अटकलें भी लगाई जा रही है कि क्या भृतहरि महताब भी कोई जादू चलाने में कामयाब होंगें।
गणेश वासुदेव मावलंकर
1952 में देश में पहला लोकसभा चुनाव कराया गया। इसमें कांग्रेस पार्टी पूर्ण बहुमत से सत्ता में आई। सांसदों को शपथ दिलाने के लिए प्रोटेम स्पीकर का चुनाव किया गया। उस समय यह जिम्मेदारी जीवी मावलंकर को दी गई। जब स्पीकर के इलेक्शन की बात आई तो कांग्रेस ने मावलंकर के नाम का ही प्रस्ताव रखा। इसी तरह मावलंकर को पहले लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी मिल गई। मावलंकर अहमदाबाद लोकसभा सीट से सांसद थे। वह इस पद पर करीब 1956 तक काबिज रहे।
सरदार हुकुम सिंह का भी चला जादू
जीवी मावलंकर के बाद एक बार फिर ऐसा ही हुआ कि प्रोटेम स्पीकर को ही लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी मिली। साल 1956 में जीवी मावलंकर के निधन के बाद प्रोटेम स्पीकर बनाकर सदन चलाने की जिम्मेदारी हुकुम सिंह को दी गई। फिर साल 1957 में लोकसभा चुनाव हुए और हुकुम सिंह को डिप्टी स्पीकर बनाया गया था। 1962 में कांग्रेस ने हुकुम सिंह का नाम लोकसभा स्पीकर के लिए प्रस्तावित किया। वह इस पद पर करीब 1967 तक काबिज रहे। इस पद से हटने के बाद वह सक्रिय राजनीति से दूर हो गए।
सोमनाथ चटर्जी
2004 में सोनिया गांधी के नेतृत्व में यूपीए ने एनडीए को कड़ी टक्कर दी। उस समय यूपीए में सीपीएम दूसरी सबसे बड़ी पार्टी थी। हालांकि, उसने सरकार में शामिल होने से इनकार कर दिया। इसके बाद कांग्रेस ने सीपीएम को स्पीकर का पद ऑफर कर दिया। स्पीकर चुनाव से पहले जब प्रोटेम स्पीकर बनाने की बारी आई तो लोकसभा सचिवालय ने सोमनाथ चटर्जी के नाम का ऐलान किया। सभी सांसदों को शपथ दिलाने के बाद कांग्रेस ने सोमनाथ चटर्जी के नाम का ही स्पीकर पद के लिए प्रस्ताव कर दिया। कांग्रेस पार्टी के साथ-साथ सभी दलों ने उनके नाम का समर्थन कर दिया। इसके बाद चटर्जी को चुन लिया गया। सोमनाथ चटर्जी जब लोकसभा के स्पीकर बने, उस समय वह पश्चिम बंगाल के बोलपुर से सांसद भी थे।
26 जून को होगा लोकसभा स्पीकर का चुनाव
लोकसभा का पहला सत्र 24 जून से शुरू होगा। नवनिर्वाचित सांसद 24-25 जून को शपथ लेंगे। वहीं, लोकसभा अध्यक्ष यानी स्पीकर का चुनाव 26 जून को होना है। चुनाव में जीतकर आए सभी सांसदों को भर्तृहरि महताब ही शपथ दिलवाएंगे। सीधे शब्दों में कहें तो चुनाव होने तक सातवीं बार सांसद बने बीजेपी के भर्तृहरि महताब पीठासीन अधिकारी के तौर पर काम करेंगे। महताब को प्रोटेम स्पीकर बनाया गया है। अगर महताब ही लोकसभा स्पीकर बनते हैं तो वह भी इतिहास रच देंगे।