Karnataka Politics: कर्नाटक में सिद्धारमैया की कुर्सी जाएगी या बचेगी? इस सवाल पर कांग्रेस ने फिलहाल के लिए विराम लगा दिया है। क्योंकि कई दिनों से कयास लगाए जा रहे थे कि कर्नाटक में सत्ता की बागडोर डीके शिवकुमार के हाथों में आ सकती है। लेकिन इन अफवाहों और अटकलों पर कांग्रेस हाईकमान ने पूरी तरह से विराम लगा दिया है। कांग्रेस ने हाईकमान ने कम से कम अभी के लिए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को बदलने के किसी भी कदम से इनकार किया है।

यह स्पष्टीकरण पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला की ओर से आया है, जो पार्टी के कर्नाटक प्रभारी भी हैं, और उन्हें राज्य इकाई के भीतर बढ़ती बेचैनी और आंतरिक कलह को दूर करने के लिए कांग्रेस हाईकमान द्वारा बेंगलुरु भेजा गया था।

मीडिया को संबोधित करते हुए सुरजेवाला ने स्पष्ट किया कि कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन की कोई योजना नहीं है। उनका यह बयान सत्तारूढ़ कांग्रेस के भीतर आंतरिक गुटबाजी को लेकर कई दिनों से चल रही राजनीतिक चर्चा के बाद आया है, जिसमें नेतृत्व के कुछ वर्ग कथित तौर पर शीर्ष स्तर पर फेरबदल के लिए दबाव डाल रहे हैं। हाईकमान के इस कड़े सार्वजनिक बयान का उद्देश्य एक दृढ़ संदेश देना प्रतीत होता है। जिससे अनिश्चितता को समाप्त करना और कर्नाटक सरकार के भीतर स्थिरता को मजबूत करना है।

अपनी यात्रा के उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए सुरजेवाला ने बताया कि बेंगलुरु में उनकी उपस्थिति केवल पार्टी के संगठनात्मक कार्य और शासन की समीक्षा करने के लिए थी, न कि नेतृत्व परिवर्तन पर चर्चा करने के लिए। उन्होंने पार्टी नेताओं के साथ अपनी बातचीत के फोकस के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि हम उनसे पूछ रहे हैं – क्या काम हुआ है? पार्टी की बैठकों की स्थिति क्या है? क्या किसी संगठनात्मक बदलाव की जरूरत है? क्या विधायकों को कोई मुश्किल या और कोई उम्मीद है?

सुरजेवाला ने आगे जोर देकर कहा कि समीक्षा में सरकार के प्रमुख कल्याण कार्यक्रमों की प्रगति और कार्यान्वयन का मूल्यांकन भी शामिल है। उन्होंने कहा कि हम गारंटियों के बारे में पूछ रहे हैं। क्या दिया गया है और उन गारंटियों का क्या हाल है। सरकार संगठन और लोगों की है।

नेतृत्व संबंधी अटकलों का स्पष्ट खंडन करते हुए सुरजेवाला ने कहा कि नेतृत्व परिवर्तन पर कोई चर्चा नहीं हुई है। इस पर कोई राय भी नहीं ली जा रही है।

उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने भी नेतृत्व परिवर्तन की किसी भी बात से इनकार करते हुए कहा कि कोई नेतृत्व परिवर्तन नहीं है। मैं नहीं चाहता कि कोई भी सामने आकर मेरे लिए समर्थन व्यक्त करे। शासन पर अपना ध्यान केंद्रित करते हुए उन्होंने कहा कि आम आदमी के साथ खड़े होना और अपने वादों को पूरा करना हमारा परम कर्तव्य है।

पार्टी के कुछ विधायकों द्वारा सार्वजनिक तौर पर दिए गए बयानों पर कड़ी आपत्ति जताते हुए शिवकुमार ने कहा कि वह इकबाल हुसैन को उनकी टिप्पणियों के लिए नोटिस जारी करेंगे। पार्टी के नेताओं को स्पष्ट संदेश देते हुए उन्होंने चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि चाहे वह एचसी बालकृष्ण हों या बीआर पाटिल, किसी को भी अब मीडिया के सामने नहीं आना चाहिए।

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इससे पहले कांग्रेस विधायक इकबाल हुसैन ने दावा किया था कि करीब 100 विधायक उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के समर्थन में हैं। उन्होंने कहा कि शिवकुमार को नेतृत्व का मौका मिलना चाहिए। उन्होंने पार्टी के लिए उपमुख्यमंत्री के अथक प्रयासों और जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।

इकबाल हुसैन ने आगे कहा था कि वह कर्नाटक कांग्रेस की राजनीतिक स्थिति और संगठनात्मक मामलों की समीक्षा के लिए एआईसीसी महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला के साथ बैठक के दौरान इस मांग को औपचारिक रूप से उठाने का इरादा रखते हैं। वहीं, सीएम सिद्धारमैया के साथ कांग्रेस क्यों खड़ी है? पढ़ें…पूरी खबर।