उत्तर प्रदेश में इन दिनों कफ सिरप के मामले को लेकर काफी शोर-शराबा हो रहा है। विशेषकर वाराणसी में कोडीन युक्त कफ सिरप कांड की सोशल मीडिया और टीवी पर काफी चर्चा है। इस मामले का सरगना शुभम जायसवाल देश छोड़कर दुबई भाग चुका है। पुलिस ने एक्शन लेते हुए उसके पिता सहित कई साथियों को गिरफ्तार किया है। इनमें आलोक प्रताप सिंह, अमित सिंह टाटा का नाम भी शामिल है।

उत्तर प्रदेश की राजनीति के बाहुबली और जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह का नाम भी इसे लेकर काफी चर्चा में है। धनंजय सिंह का नाम इसलिए भी चर्चा में आया क्योंकि शुभम जायसवाल और अमित टाटा की धनंजय सिंह के साथ तस्वीर सामने आई थी। हालांकि धनजंय सिंह ने इस मामले में उन पर लगे तमाम आरोपों को खारिज कर दिया है।

शैली ट्रेडर्स का मालिक है शुभम जायसवाल

शुभम जायसवाल बनारस का रहने वाला है और वह शैली ट्रेडर्स का मालिक है। उसके साथ उसके पार्टनर गौरव जायसवाल और वरुण सिंह भी दुबई भाग गए थे। उसके पिता भोला प्रसाद जायसवाल को 30 नवंबर को पुलिस ने कोलकाता एयरपोर्ट से पकड़ लिया था।

वाराणसी में पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 2 करोड़ की प्रतिबंधित कफ सिरप की खेप बरामद

जांच एजेंसियों का कहना है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के साथ ही पूर्वांचल के भी कई जिलों में कोडीन युक्त कफ सिरप का धंधा चल रहा है। इस मामले में उत्तर प्रदेश में लगातार एफआईआर दर्ज की जा रही हैं और बड़ी संख्या में लोगों को की गिरफ्तारी भी हुई है हालांकि शुभम जायसवाल की गिरफ्तारी अभी तक नहीं हो पाई है।

सबसे पहले सोनभद्र में 18 अक्टूबर को 3 करोड़ रुपये की कफ सिरप बरामद हुई थी। इसके बाद गाजियाबाद पुलिस ने 4 नवंबर को कफ सिरप तस्करी के मामले में शुभम जायसवाल को भी नामजद किया। इसके अगले ही दिन जायसवाल दुबई भाग गया। शुभम जायसवाल जैसा ही बड़ा गिरोह दिवेश और प्रशांत उपाध्याय भी चला रहे थे। इन दोनों के खिलाफ भी सरकार ऐक्शन लेने जा रही है।

कफ सिरप विवाद: राजस्थान सरकार ने ड्रग कंट्रोलर को किया सस्पेंड, कायसन फार्मा पर भी एक्शन

अमित टाटा, आलोक सिंह गिरफ्तार

एसटीएफ ने कोडीन युक्त नशीले कफ सिरप की तस्करी करने के आरोप में 27 नवंबर को अमित कुमार सिंह उर्फ अमित टाटा को गिरफ्तार किया और दो मोबाइल फोन, एक फॉर्च्यूनर कार, आधार कार्ड बरामद किए थे। टाटा पर एक सिंडिकेट के साथ मिलीभगत करके लखनऊ और देश के कई अन्य हिस्सों में लगभग 100 करोड़ रुपये मूल्य की कोडीन आधारित कफ सिरप की सप्लाई करने का आरोप है।

इसके बाद एसटीएफ ने दो दिसंबर को बर्खास्त एसटीएफ के सिपाही आलोक सिंह को गिरफ्तार करके अदालत में पेश किया था। लखनऊ की सीजेएम अदालत ने आलोक सिंह और अमित टाटा की न्यायिक हिरासत की अवधि बढ़ाते हुए उन्हें 22 दिसंबर तक जेल भेज दिया है।

कफ सिरप का यह अवैध कारोबार उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, उत्तराखंड, दिल्ली, पश्चिम बंगाल और असम तक फैला हुआ है। शुभम जायसवाल और उसके साथी कोडीन युक्त कफ सिरप की इन दवाओं को गाजियाबाद, वाराणसी समेत कई जिलों में बने वेयरहाउस और गोदाम में स्टोर करते थे।

खबरों के मुताबिक, अकेले जौनपुर में ही 57 करोड़ रुपये का कफ सिरप के कनेक्शन का पता चला है। यहां 12 मेडिकल स्टोर के संचालकों पर मुकदमा दर्ज किया गया।

कफ सिरप के बाद 11 मासूमों की हुई थी मौत, प्रिस्क्रिप्शन लिखने वाला डॉक्टर अरेस्ट

अखिलेश यादव ने उठाया सवाल

समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने इस मामले को जोर-जोर से उठाया है। अखिलेश यादव का कहना है कि यूपी सरकार कफ सिरप माफियाओं पर बुलडोजर क्यों नहीं चला रही है?

60 लाख रुपये की कफ सिरप बरामद

पुलिस ने इस मामले में छापेमारी करते हुए मंगलवार को वाराणसी में 60 लाख रुपये की कफ सिरप की 30 हजार शीशियां बरामद की। पुलिस की स्पेशल टीम ने मंगलवार को रामनगर थाना क्षेत्र के सुजाबाद क्षेत्र स्थित एक गोदाम पर छापा मारा था।

पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) टी. सरवन ने बताया कि शुरुआती पूछताछ में यह गोदाम मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल के करीबी मनोज कुमार यादव का बताया जा रहा है।

चार्जिंग स्टैंड की आड़ में यह गोदाम चलाया जा रहा था। डीसीपी ने बताया कि मौके से दो लोगों को हिरासत में लिया गया है। प्रारंभिक पूछताछ में दोनों ने बताया कि वे इस जगह की देखरेख करते थे।

राज्य सरकार ने बनाई एसआईटी

इस मामले के तूल पकड़ने के बाद यूपी सरकार ने कोडीन आधारित कफ सिरप के अवैध व्यापार, तस्करी की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था। पुलिस महानिरीक्षक (कानून-व्यवस्था) एलआर कुमार की अध्यक्षता में एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) सुशील घुले चंद्रभान और सहायक आयुक्त (खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन) अखिलेश कुमार जैन को एसआईटी में शामिल किया गया था। इस मामले में एक माह में रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।

प्रमुख सचिव (गृह) संजय प्रसाद ने कहा है कि राज्य सरकार इस मामले को बेहद गंभीरता से ले रही है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर ही एसआईटी गठित की गई है।

एमपी में नहीं बिकेगा यह कफ सिरप, बच्चों की मौत के बाद सरकार ने लिया सख्त एक्शन