इस साल अमरनाथ यात्रा 30 जून शुरू होगी। बता दें कि अमरनाथ यात्रा के दौरान सभी श्रद्धालुओं को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। वहीं जम्मू-कश्मीर उपराज्यपाल कार्यालय की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक यह यात्रा परंपरा के अनुसार रक्षा बंधन यानी 11 अगस्त तक चलेगी। बता दें कि इस साल अमरनाथ यात्रा 43 दिनों तक चलेगी।
दरअसल पिछले दो साल से कोरोना महामारी की वजह से यह यात्रा रोक दी गई थी। हालांकि इस दौरान पवित्र गुफा में वैदिक मंत्रोच्चार परंपरागत विधि से बाबा अमरनाथ की पूजा जारी थी। इसके साथ ही मचैल माता यात्रा को भी बंद कर दिया गया था। जम्मू-कश्मीर प्रशासन की तरफ से किश्तवाड़ डिप्टी कमिश्नर अशोक कुमार शर्मा मचैल यात्रा रद्द होने की घोषणा की थी।
अब जब देश में कोविड-19 के केस की संख्या कम हुई है तो अमरनाथ यात्रा को दोबारा शुरू किया गया है। बता दें कि रविवार को श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने इस यात्रा तो लेकर अहम ऐलान किया। यात्रा के फिर शुरू होने से शिव भक्तों में उत्साह है।
रविवार को जम्मू-कश्मीर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता की। जिसमें यात्रा को फिर शुरू करने का फैसला लिया गया। गौरतलब है कि कश्मीर घाटी के अनंतनाग जिले में श्री अमरनाथ गुफा स्थित हैं। इसको लेकर हिंदू धर्म में मान्यता है कि भगवान शिव ने इस गुफा में माता पार्वती को अमर होने की रहस्यकथा सुनाई थी।
बता दें कि यह यात्रा देश की सबसे दुर्गम धार्मिक यात्राओं में से एक मानी जाती है। श्री अमरनाथ यात्रा के दौरान दो रास्तों से चढ़ाई की जाती है। जिसमें पहला रास्ता पहलगाम और दूसरा बालटाल के जरिए होकर जाता है। इस यात्रा पर आतंकियों और अलगाववादियों की भी नजर रहती है। जिसकी वजह से यात्रा के दौरान सख्त सुरक्षा का पहरा होता है।