केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा उर्फ टेनी को सुप्रीम कोर्ट से जोर का झटका लगा। दरअसल टेनी ने हत्या के मामले में उनको बरी किए जाने के फैसले के खिलाफ दायर सरकार की अपील को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से प्रयागराज बेंच में ट्रांसफर करने की दरखास्त की थी। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी अपील को खारिज करते हुए ऐसा करने से साफ इन्कार कर दिया। ध्यान रहे कि टेनी के बेटे आशीष पर किसानों की हत्या का आरोप है।
हालांकि जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बेंच ने हाईकोर्ट से कहा कि वो 10 नवंबर को अजय मिश्रा टेनी के मामले की सुनवाई करे। ध्यान रहे कि हाईकोर्ट ने इसी तिथि को टेनी की अपील पर सुनवाई के लिए तारीख दी थी। दोनों तरफ के सीनियर वकीलों ने प्रयागराज बेंच के फैसले पर सहमति जताई थी। हत्या का मामला 22 साल पुराना है। इसमें वो बरी हो चुके हैं।
टेनी ने पहले हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की बेंच के समक्ष गुहार लगाई थी कि उनको बरी करने के फैसले के खिलाफ दायर सरकारी अपील को प्रयागराज बेंच में ट्रांसफर किया जाए। वहां से राहत न मिलने पर वो सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। उनका तर्क था कि उनकी पैरवी कर रहे वकील की उम्र काफी ज्यादा है और एडवोकेट के लिए प्रयागराज से लखनऊ जाना दिक्कत भरा है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि वकील की उम्र ज्यादा है तो वो वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये अपनी बात रख सकते हैं। हाईकोर्ट उनकी इस दलील पर विचार कर सकता है। हत्या का ये मामला साल 2000 का है। स्टूडेंट लीडर प्रभात गुप्ता की उसके घर के सामने गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
मामले में टेनी समेत 3 लोगों को आरोपी बनाया गया था। हालांकि 2004 में टेनी को बरी कर दिया गया। यूपी सरकार ने इस फैसले के खिलाफ साल 2004 में ही इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील दायर की थी। हाईकोर्ट की एक बेंच ने 12 मार्च 2018 में अपील पर सुनवाई पूरी करके फैसला सुरक्षित रख लिया था।