अपने सहयोगी दल पर करारा प्रहार करते हुए शिवसेना ने कहा कि यदि भाजपा अपनी ‘‘विपक्षी’’ मानसिकता से बाहर नहीं आती और महाराष्ट्र को मजबूत नेतृत्व प्रदान नहीं करती तो यह ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ होगा। इसने साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि वह सरहद पर स्थिति को लेकर अपनी आंखें मूंदकर नहीं रह सकती।

‘‘कुछ लोगों को आंख खोलने के बाद सीमा संकट और पाकिस्तान का नित जारी विश्वासघात दिखाई देता है। यह केवल उन्हें दिखाई देता है जिनके पास राष्ट्रवादी एवं देशभक्ति की दृष्टि है। यह दृष्टिदोष नहीं, बल्कि संस्कार है, जो जारी रहेगा।

शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में एक संपादकीय में कहा, ‘‘कुछ ऐसे लोग हैं जिन्हें सिर्फ गटर दिखाई देता है। यदि इस पर जनमत लिया जाए कि गटर महत्वपूर्ण है या पाकिस्तान का आक्रमण तो लोग देशभक्ति और राष्ट्रवाद को ही चुनेंगे।’’

दोनों गठबंधन सहयोगियों के बीच वाकयुद्ध तब और बढ़ गया जब भाजपा नेता अशीष शेलार ने शनिवार को भाजपा को अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर बात करने की बजाय मुंबई में निकाय संबंधी मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी।

भाजपा में अंदरूनी मनमुटाव की ओर इशारा करते हुए शिवसेना ने कहा कि विधानसभा सत्र में राज्य सरकार पर हमला करने के लिए विपक्ष के हाथ में जो ‘विस्फोटक’ (राज्य मंत्रिमंडल के वरिष्ठ मंत्रियों से संबंधित विवाद) लगा है, वह कठिन परिश्रम से नहीं लगा है, बल्कि उसका स्रोत कहीं और है।

शिवसेना ने कहा, ‘‘यदि वर्तमान सरकार अपनी विपक्षी मानसिकता से बाहर नहीं आती और राज्य को मजबूत नेतृत्व प्रदान नहीं करती तो यह अत्यंत दुर्भाग्यूपर्ण होगा।’’

इसने आगे कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति से संबंधित आरोप खुद भाजपा नेताओं द्वारा लगाए गए हैं और शिवसेना का इससे कोई लेना देना नहीं है।

शिवसेना ने कहा, ‘‘(देवेंद्र) फडणवीस सरकार शिवसेना के समर्थन से चल रही है और हम राज्य के लोगों के प्रति जवाबदेह हैं। शिवसेना सत्ता के लिए नहीं, बल्कि लोगों के कल्याण के लिए, महाराष्ट्र के सम्मान के लिए और देश की सुरक्षा के लिए जन्मी है। इसलिए, यदि कुछ गलत हुआ तो हम आंख बंद कर भी दुश्मन की खबर लेंगे।’’