उत्तरप्रदेश के पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी किसानों के मुद्दे पर अपनी ही सरकार को कई बार कटघरे में खड़ा कर चुके हैं। इतना ही नहीं वे लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा को लेकर भी भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। किसानों के समर्थन में उतरे वरुण गांधी को अब शिवसेना का भी साथ मिल गया है। शिवसेना ने वरुण गांधी का समर्थन करते हुए कहा है कि अब इंदिरा गांधी के पोते का खून उबल गया है। इसके अलावा शिवसेना ने लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा को लेकर भाजपा को जमकर घेरा है।

शिवसेना के मुखपत्र सामना में छपे एक संपादकीय में लिखा गया कि देश नफरत फैलाने की कोशिशों को बर्दाश्त नहीं कर सकता है। भाजपा सांसद वरुण गांधी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पोते और संजय गांधी के बेटे हैं। लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा को लेकर उनका खून खौल उठा और उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की। साथ ही यह भी लिखा गया कि वरुण गांधी ने किसी परिणाम के बारे में बिना सोचे-समझे राजनीतिक साहस दिखाया और किसानों की हत्या की निंदा की।

शिवसेना के मुखपत्र सामना में यह भी लिखा गया कि किसान नेताओं को वरुण गांधी की सराहना करते हुए एक प्रस्ताव पारित करना चाहिए। शिवसेना ने किसानों के मुद्दे पर अपनी आवाज पर बुलंद करने वाले भाजपा सांसद वरुण गांधी की जमकर तारीफ़ की तो वहीं लखीमपुर खीरी में हुई घटना पर चुप रहने वाले सांसदों को जमकर घेरा गया। सामना में सवाल पूछते हुए कहा गया कि क्या लखीमपुर खीरी में हुई भयावह घटना को लेकर सांसदों का खून बर्फ की तरह जम चुका है जहां चार किसानों की मौत हो गई।

गौरतलब है कि भाजपा सांसद वरुण गांधी पिछले कुछ समय से किसानों के मुद्दे पर लगातार अपनी राय रख रहे हैं। पिछले दिनों उन्होंने लखीमपुर खीरी में हुई हिंसक घटना को लेकर अपनी ही पार्टी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने घटना से जुड़ा वीडियो साझा करते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की। वरुण गांधी ने पिछले दिनों ट्वीट करते हुए लिखा था कि लखीमपुर खीरी की घटना को हिन्दू बनाम सिख की लड़ाई बनाने की एक कोशिश हो रही है। यह ना सिर्फ अनैतिक व गलत असर डालने वाली है बल्कि ऐसी कोई रेखा खींचना और उनके घावों को हरा करने का प्रयास करना खतरनाक है जिन्हें ठीक होने में  पीढ़ियां खप गईं। हमें राजनीतिक फायदे के लिए राष्ट्रीय एकता को ताक पर नहीं रखना चाहिए।  

लखीमपुर खीरी हिंसा को लेकर वरुण गांधी के बगावती तेवर अपनाने के बाद उन्हें और उनकी मां मेनका गांधी को भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर कर दिया गया। गौरतलब है कि बीते दिनों लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया क्षेत्र में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा ने कथित रूप से प्रदर्शनकारी किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी थी। इस हिंसक घटना में आठ लोगों की मौत हो गई थी। इनमें 4 किसान, 3 भाजपा कार्यकर्ता और एक पत्रकार शामिल थे। इस मामले में आशीष मिश्रा सहित कुल 3 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।