अगले साल की शुरुआत में होने वाले उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए ओम प्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया है। आगामी चुनाव में ओम प्रकाश राजभर ने बाहुबली मुख़्तार अंसारी का समर्थन करने का भी ऐलान किया है और कहा कि दोनों दलों के बीच हुए गठबंधन की तरफ से मुख़्तार अंसारी का समर्थन किया जाएगा। सपा-सुभासपा गठबंधन द्वारा मुख़्तार अंसारी का समर्थन किए जाने के ऐलान को लेकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल यादव ने नाराजगी जताई और कहा कि गुंडे माफियाओं को टिकट नहीं देना चाहिए। साथ ही उन्होंने सपा के साथ गठबंधन को लेकर कहा कि लगता है कि अखिलेश यादव को हमारी जरूरत नहीं है।
पिछले दिनों मुख़्तार अंसारी का समर्थन किए जाने की ख़बरें सामने आने को लेकर शिवपाल यादव ने सपा को जमकर निशाने पर लिया। शिवपाल यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी में टूट की वजह बने मुख़्तार अंसारी को सपा में नहीं आने दिया। मुख़्तार को पहले भी टिकट नहीं दिया गया था। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी में किसी भी अपराधी को टिकट नहीं दिया जाएगा और यहां किसी भी माफिया की जगह नहीं है। इसके अलावा उन्होंने अखिलेश यादव से गठबंधन को लेकर कहा कि लगता है कि उनकी पार्टी को 400 सीटें मिल रहीं है इसलिए उन्हें हमारी जरूरत नहीं है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों सपा के सहयोगी सुभासपा के नेता ओम प्रकाश राजभर जेल में बंद बाहुबली विधायक मुख़्तार अंसारी से मिलने बांदा जेल पहुंचे थे। मुलाक़ात के बाद उन्होंने मीडिया से कहा था कि आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सपा और सुभासपा गठबंधन की तरफ से मुख्तार अंसारी को समर्थन दिया जाएगा। साथ ही उन्होंने इसको लेकर अखिलेश यादव से रायशुमारी किए जाने को लेकर कहा था कि जब अखिलेश यादव मायावती से गठबंधन कर सकते हैं तो फिर मुख्तार अंसारी को समर्थन देने में कोई समस्या नहीं होगी।
बता दें कि उत्तरप्रदेश के गाजीपुर में जन्मे मुख़्तार अंसारी को राजनीति विरासत में मिली थी। मुख्तार के पिता सुब्हानउल्लाह अंसारी वामपंथी थे और अपने बेदाग़ छवि के कारण उन्होंने नगर पालिका का चुनाव निर्विरोध जीत लिया था। लेकिन मुख़्तार की छवि अपने पिता से काफी अलग रही। साल 1988 में पहली बार मुक़दमा दर्ज होने के बाद मुख़्तार ने कभी अपराध की दुनिया का साथ नहीं छोड़ा।
मुख्तार के ऊपर साल 2005 में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या का आरोप लगा। लेकिन साल 2019 में दिल्ली की एक अदालत ने इस मामले में मुख़्तार अंसारी और उनके साथियों को बरी कर दिया। वर्तमान में मुख़्तार के ऊपर 50 से अधिक मामले सिर्फ उत्तरप्रदेश में दर्ज हैं। मुख़्तार 1996 से ही लगातार मऊ से चुनाव जीतते रहते हैं। साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में मुख़्तार ने बसपा के टिकट पर चुनाव जीता