शिवसेना ने अपने वरिष्ठ नेता हाजी अराफात शेख के उस बयान से खुद को अलग कर लिया है, जिसमें उन्होंने हाजी अली दरगाह में घुसने की कोशिश करने पर महिलाओं को चप्पल से पीटने की चेतावनी दी थी। पार्टी प्रवक्ता नीलम गोरखे ने शेख के बयान को खारिज कर दिया और उनके खिलाफ कार्रवाई की भी चेतावनी दी। गोरखे ने बताया,’यह पूरी तरह से उनका निजी बयान है। यह शिवसेना का रूख नहीं है। हमे बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं।’
शेख ने भूमाता रणरागिनी ब्रिगेड की अध्यक्ष तृप्ति देसाई को चेताया था कि अगर वह हाजी अली दरगाह में गई तो उन पर चप्पलें बरसाई जाएंगी। इस पर काफी विवाद हुआ था। इसके चलते शिवसेना ने मामले में तुरंत सफार्इ जारी की। बता दें कि तृप्ति देसार्इ ने कहा था कि वे अन्य महिलाओं के साथ 28 अप्रैल को हाजी अली दरगाह में दाखिल होंगी। उनका यह बयान मुस्लिम महिलाओं को दरगाह में जाने की अनुमति देने की मांग के बाद आया था।
तृप्ति देसाई को अहमदनगर में शनि शिंगणापुर और नाशिक में त्रयंबकेश्वर मंदिर में महिलाओं को प्रवेश की मांग में सफलता मिली है। इसके बाद वे अब ‘हाजी अली सब के लिए’ अभियान से जुड़ गई हैं। इसके तहत वे पीर हाजी अली शाह बुखारी के मकबरे में जाने और चादर चढ़ाने की मांग करेंगी। इस मांग के बारे में हाजी अली दरगाह ट्रस्ट का कहना है कि महिलाओं को मकबरे में घुसने देना इस्लाम विरोधी है।