वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि चर्चा करने और अपनी बात रखने का एक उपयुक्त और सभ्य तरीका होना चाहिए। उन्होंने यह टिप्पणी हाल में शिवसेना की ओर से विरोध प्रदर्शन करने के लिए अपनाए गए तोड़फोड़ और हंगामे की पृष्ठभूमि में की है।

जेटली ने अपने कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सही दिशा में सोचने वाले सभी वर्गों को ऐसे तरीकों से दूरी बनानी चाहिए। विरोध दर्ज कराने के लिए शिवसेना की ओर से अपनाए गए तरीकों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि समान सभ्य आचरण के मापदंड सभी पर लागू होते हैं, चाहे वे हमारे विरोधी हों या मित्र।

भाजपा के कुछ नेताओं द्वारा संवेदनशील मुद्दों पर बेतुके बयान को गलत ठहराते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष ने ऐसे लोगों की खिंचाई की है। वित्तमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस बारे में अपने विचार व्यक्त कर दिए हैं।

जेटली ने कहा कि उग्र प्रदर्शन और तोड़फोड़ करने वालों को भी आत्मचिंतन करना चाहिए। उन्हें इस विचार करना चाहिए कि वे लोकतंत्र की गुणवत्ता बढ़ा रहे हैं या वे वास्तव में एक देश के रूप में दुनिया के सामने भारत की विश्वसनीयता कम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, भारत जैसे बड़े देश में ऐसा संभव है कि कई विषयों पर अलग अलग विचार हों।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, कुछ ऐसे मुद्दे हैं जो हमारे पड़ोसी देशों के साथ हमारे संबंधों को चोट पहुंचा सकते हैं। इसलिए इन मुद्दों पर चर्चा करने और अपनी बात रखने का एक उपयुक्त तरीका होना चाहिए।

जेटली ने साफ तौर पर कहा कि तोड़फोड़ करने वालों की कड़ी आलोचना होनी चाहिए, क्योंकि इससे माहौल खराब होता है। उन्होंने कहा कि ऐस प्रदर्शनों से तब परेशानी और बढ़ जाती है, जब ऐसे तोड़फोड़ के कार्य ज्यादा प्रचारित होते हैं। इससे तब दूसरे लोग भी ऐसे रास्ते अपनाने को प्रेरित होते हैं।

मुख्य विपक्षी कांग्रेस ने वित्त मंत्री अरुण जेटली के बायान पर अंसतुष्टि जताई है। पार्टी ने कहा कि वित्तमंत्री ने विरोध दर्ज करने के लिए तोड़फोड़ की घटनाओं को परेशान करने वाला तो बताया है, लेकिन उन्होंने ऐसे तत्वों पर कड़ी कार्रवाई की बात नहीं कही है। साथ ही कांग्रेस ने ऐलान किया है कि वह घृणा फैलाने वालों के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करेगी।

कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने मंगलवार को कहा, वित्तमंत्री के बयान से कांग्रेस संतुष्ट नहीं है, जिसमें उन्होंने विरोधी विचार को व्यक्त करने के लिए तोड़फोड़ करने की घटनाओं को परेशान करने वाला बताया था। उन्होंने कहा, जेटली ने ऐसे तत्वों के खिलाफ किसी कार्रवाई की बात नहीं की है। तथ्य यह है कि ऐसी घटनाओं और साथ ही सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं के विवादास्पद बयानों के मद्देनजर ठोस कार्रवाई का कोई उदाहरण सामने नहीं आया है।

शर्मा ने जोर देकर कहा कि वैश्विक स्तर पर भारत की स्वच्छ छवि को धूमिल करने वाले तत्वों, संगठनों और ताकतों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जरूरत है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने जो कुछ किया वह उनके संवैधानकि एवं नैतिक दायित्वों से कम पड़ता है। प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार के लिए यह समय बातें बंद करने और कार्रवाई करने का है।

शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री विदेश जाते हैं और उन चीजों का श्रेय लेने का दावा करते हैं, जो उनकी सरकार ने नहीं कीं है। लेकिन वह उस भारत की रक्षा नहीं कर पा रहे हैं, जो उन्होंने विरासत में हासिल की है। शर्मा ने यह भी आरोप लगाया कि इस बात के स्पष्ट प्रमाण हैं कि संस्थाओं की स्वायत्तता हमले की जद में है।

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