शिवसेना का मानना है कि मदरसों के आधुनिकीकरण की कोशिशें को मुसलिम धर्म के ठेकेदार के साथ कांग्रेस जैसी पार्टी सफल नहीं होने देना चाहती है। ये नहीं चाहते हैं कि मुसलमान स्वंतत्र रूप से सोचें क्योंकि ऐसा होने से इनकी ठेकेदारी बंद हो जाएगी। इसीलिए जब सूबे की सरकार मदरसों के आधुनिकीकरण की दिशा में काम कर रही है, तो ये ठेकेदार हायतौबा कर रहे हैं।

शनिवार को शिव सेना के मुखपत्र ‘सामना’ ने लिखा कि अगर मुसलिम समाज आधुनिकता के रास्ते पर चलने लगा, उस पर धर्मांधता का असर कम हो गया, वह स्वतंत्र रूप से सोचने लगा तो मुसलिम धर्म के ठेकेदार और मुसलिम मतों की ठेकेदारी करनेवाली कांग्रेस पार्टी का क्या होगा। मदरसों को स्कूल ना मानने के निर्णय पर इनके लिए इस्लाम खतरे में आ गया है। मदरसों में पढ़नेवाले बच्चे अगर शिक्षा की मुख्यधारा में आ रहे हैं, तो इसमें गलत क्या है? इसमें धार्मिक द्वेष पैदा करने की बात कहां से आई?

बता दें कि गुरुवार को सूबे के सामाजिक न्याय मंत्री दिलीप कांबले ने कहा था कि जो मदरसे औपचारिक शिक्षा नहीं देंगे उन्हें स्कूल नहीं माना जाएगा। इसके बाद विवाद खड़ा हो गया। हालांकि सरकार स्पष्ट कर चुकी है कि औपचारिक शिक्षा न देनेवाले सभी धार्मिक संस्थानों पर यह नियम लागू होगा न कि सिर्फ मदरसों पर। शिव सेना का कहना है कि इसके बावजूद यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि सरकार मुसलिम समाज से द्वेष के तहत ऐसा कर रही है। जबकि कुल बात इतनी है कि जिन शिक्षा संस्थानों में औपचारिक शिक्षा दी जाएगी, उन्हें ही अनुदान मिलेगा।

शिव सेना का कहना है कि अगर सरकार ने यह निर्णय नहीं लिया तो भविष्य में शिक्षा अधिकार कानून के तहत मदरसों के छात्रों को गैरस्कूली छात्र माना जाएगा। इसलिए मुसलिम समाज सरकार के इस निर्णय को सकारात्मक दृष्टिकोण से देखे और स्वार्थी नेताओं की बातों में ना आए। मदरसों में गणित विज्ञान पढ़ाएं। मुसलिम समाज इस्लाम की पढ़ाई के जरिये एक पीढ़ी को धर्मांध बनाना चाहता है या औपचारिक शिक्षा के जरिये आधुनिक, यह उसे तय करना है। शिव सेना का कहना है कि मदरसों के आधुनिकीकरण को मुसलमान सुनहरे मौके की तरह देखे।

शिव सेना ने उम्मीद जताई है कि महाराष्ट्र सरकार के प्रयास से सूबे के मदरसे सच्चे अर्थों में स्कूल बन जाएंगे। वरना आज कई मदरसे धर्मांध मुसलमान बनाने के कारखाने बन गए हैं। सरकार का यह निर्णय मदरसों पर कुल्हाड़ी चलाने के लिए नहीं, उन्हें आधुनिक बनाने के लिए है। शिव सेना ने मदरसों से अपील की है कि वे आधुनिक बनें ताकि मुसलमान समाज जागरूक हो और भावी मुसलिम पीढ़ी मदरसों के जरिये आधुनिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से संपन्न बने।