महाराष्ट्र में महायुति की ओर से मुख्यमंत्री का उम्मीदवार कौन होगा, इसे लेकर अभी तक सस्पेंस खत्म नहीं हुआ है। 4 दिसंबर को सुबह 10 बजे भाजपा विधायकों की बैठक होनी है और इसमें विधायक दल के नेता का चुनाव किया जाएगा लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही लड़ाई के बीच शिवसेना (यूबीटी) ने बड़ा बयान दे दिया है। शिवसेना के प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा है कि एकनाथ शिंदे और अजित पवार बीजेपी के मित्र नहीं हैं बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुलाम हैं।

दुबे ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा कि गुलाम कभी भी अपने मालिक से आंख दिखाकर बात नहीं कर सकता उसे आंख झुकाकर ही बात करनी होती है।

महाराष्ट्र में लगातार विपक्षी दलों की ओर से यह सवाल पूछा जा रहा है कि इतने बड़े जनादेश के बाद भी आखिरकार मुख्यमंत्री का चयन करने में इतना वक्त क्यों लग रहा है।

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शिवसेना प्रवक्ता दुबे ने कहा कि एकनाथ शिंदे की इतनी हिम्मत नहीं है कि वह नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार को आंख दिखा दें हां लेकिन कुछ खिचड़ी जरूर पक रही है रही है। विधानसभा चुनाव के नतीजे आए हुए 9 दिन से ज्यादा का वक्त हो चुका है लेकिन अब तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का चयन नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र को एक पूर्णकालिक सरकार की जरूरत है।

दुबे ने कहा कि राज्यपाल को सामने आना चाहिए और प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताना चाहिए कि आखिर महाराष्ट्र में सरकार क्यों नहीं बन पा रही है। उन्होंने कहा कि जनता अगर आपको इस चुनाव में जिता सकती है तो अगले चुनाव में आपका सूपड़ा भी साफ कर सकती है। दुबे ने कहा कि एकनाथ शिंदे बीमार होकर कोपभवन में बैठे हुए हैं और पता नहीं क्या रोना रो रहे हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में सरकार गठन में देरी होने पर जनता इनको सबक सिखाएगी।

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शिंदे ने रद्द कर दी बैठक

बताना होगा कि नाराजगी की चर्चाओं के बीच एकनाथ शिंदे गांव चले गए थे। तब से ही सोशल मीडिया से लेकर टीवी चैनलों पर यह चर्चा चल रही थी कि वह नाराज हैं। हालांकि रविवार को उन्होंने कहा था कि सोमवार को होने वाली बैठक में सब कुछ तय हो जाएगा लेकिन उन्होंने अपनी सभी बैठकें रद्द कर दी। शिंदे ने कहा था कि उनकी पार्टी ने बीजेपी को समर्थन दिया है और मुख्यमंत्री पद को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो भी कहेंगे उसे ही फाइनल माना जाएगा। लेकिन माना जा रहा है कि चीजों अभी तक फाइनल नहीं हुई हैं।

महायुति को मिली बड़ी जीत

महाराष्ट्र में विधानसभा की 288 सीटें हैं। महायुति गठबंधन को 230 सीटों पर जीत मिली है। बीजेपी ने अकेले दम पर ही 132 सीटें जीत ली हैं जबकि उसके सहयोगी दलों – एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने 57 और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने 41 सीटें जीतीं। जबकि महा विकास अघाड़ी (MVA) को भारी झटका लगा है। शिवसेना (यूबीटी) को 20, कांग्रेस को 16 और एनसीपी (शरद पवार गुट) को केवल 10 सीटें मिलीं। सरकार बनाने के लिए 145 विधायक चाहिए।

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